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छोटे उद्योग लगाने के आवेदन भी शामिल होंगे लोक सेवा गारंटी में

एक निश्चित समयसीमा में की जाएगी कार्यवाही

भोपाल। प्रदेश में अधिकारियों की मनमानी के चलते परेशान युवा बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने में आ रही परेशानियों को देखते हुए अब राज्य सरकार स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिए आने वाले युवाओं के आवेदनों पर की जाने वाली कार्यवाही को लोकसेवा गारंटी में शामिल करने की तैयारी कर ली गई है।

दरअसल सरकार ऐसे युवा उद्यमियों को भरोसा देने जा रही है कि उद्यम स्थापित करने के लिए किए जा रहे उनके प्रयास सरकारी प्रक्रिया और कागजी कार्यवाही के साथ नियम-कायदों की भेंट नहीं चढ़ेंगे। सरकार ऐसे उद्यमियों को यह गांरटी देने जा रही है कि उनके आवेदनों पर एक निश्चित समयसीमा में कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए फिलहाल सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापित करने वाले युवाओं को विभाग की ओर से की जाने वाली प्रक्रियाओं और सुविधाओं को लोक सेवा गारंटी के दायरे में लाया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में बाकायदा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है जिससे कार्रवाई की समय-सीमा तय हो गई है।

अब तीस दिन में मिल जाएगी मंजूरी
अब एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2014 के तहत समयावधि ऋण पर ब्याज अनुदान सहायता की स्वीकृति के प्रस्ताव को 30 दिन के अंदर मंजूरी देना अनिवार्य कर दिया गया है। यह जिम्मेदारी जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र की होगी । इसके लिए प्रथम अपीलीय अधिकारी जिलाधिकारी को बनाया गया है। वहीं जिला स्तरीय सहायता समिति से निर्णय कराने के लिए भी 30 दिन का समय तय किया गया है। यदि तय समय पर निर्णय नहीं होते तो आवेदक मामले की सुनवाई के लिए आयुक्त उद्योग के सामने मामले को ला सकता है। यहां से मामले के निराकरण के लिए 15 दिन का समय तय किया गया है। इसी तरह प्रोत्साहन योजना के तहत पूंजी अनुदान सहायता की स्वीकृति के मामले में आवेदन जिला स्तरीय सहायता समिति के सामने पेश होने के बाद 30 दिन के भीतर अनुमति देना अनिवार्य होगा।

वैट और सीएसटी की स्वीकृति की समयसीमा तय
इसी तरह वैट एवं सीएसटी की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति के लिए भी दिन का समय तय किया गया है। वहीं प्रथम अपीलीय अधिकारी के सामने सुनवाई के लिए 15 दिन का समय तय किया गया है। प्रवेश कर की छूट की स्वीकृति भी 30 दिन के अंदर देना अनिवार्य होगा। वहीं तय समय में यह सुविधा नहीं मिलने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी को सुनवाई कर 15 दिन में मामले का निराकरण करना होगा।

मप्र लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के दायरे में इन सेवाओं को शामिल कर लिया गया है, जिससे अब छोटे उद्यम लगाने वाले युवाओं को इस बात की गारंटी मिल गई है कि अब नियम-प्रक्रिया की आड़ में उनको अधिकारियों की मनमर्जी का शिकार नहीं होना पड़ेगा।

Updated : 8 Feb 2017 12:00 AM GMT
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