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रिश्ते भी सिसकते हैं, मुझको न खुद से दूर कर.....

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अलका अग्रवाल के कविता संग्रह ‘मैं और मेरी कविता’ का विमोचन

अलका अग्रवाल के कविता संग्रह का विमोचन करते नगर के साहित्यकारबंधु।
आगरा। जीवन सुख-दुःख का उपवन है, जिसमें कभी सुख के फूल खिलते हैं तो कभी दुःख के और कभी पतझर का मौसम भी आता है। इसी धूप-छांव को काव्य रूप का संग्रह देने वाली कवियत्री अलका अग्रवाल की प्रथम काव्यकृति ‘मैं और मेरी कविता’ का शनिवार को नगर के साहित्यकारों ने विमोचन किया।
मदिया कटरा स्थित होटल वैभव पैलेस में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गीतकार प्रो. सोम ठाकुर, समारोह अध्यक्षा डाॅ. शांति नागर, विशिष्ट अतिथि जगन प्रसाद गर्ग, पूर्व जज एसएस यादव, प्रो. ऊषामाला गुप्ता, साहित्य साधिका समिति की संस्थापिका डाॅ. सुषमा सिंह, कवियत्री रमा वर्मा, माला गुप्ता, कमला सैनी यशोधरा, मिथलेश दीक्षित, डाॅ. नीलम भटनागर, डाॅ. राजकुमार रंजन, रचनाकार अलका अग्रवाल, मृदुलता मंगल ने संयुक्त रूप से किया। स्वागत माला गुप्ता ने किया। मीरा परिहार ने वंदना प्रस्तुत की। संचालन नूतन अग्रवाल ने किया। अतिथियों का स्वागत मधु भारद्वाज, गीता यादवेंद्र, रेखा कक्कड़, नवीन बंसल, प्रवीन बंसल व भावना मेहरा ने किया।

Updated : 25 Feb 2017 12:00 AM GMT
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