दर्द का नहीं तो जहर का ही इंजेक्शन लगा दो साहब

दर्द का नहीं तो जहर का ही इंजेक्शन लगा दो साहब
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दर्द से वासुदेव को नहीं आई एक माह से नींद

ग्वालियर, न.सं.। अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सलाय में आए दिन नए-नए मामले सामने आते हैं, लेकिन इस बार एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक मरीज दर्द का इंजेक्शन न होने के कारण जहर का इंजेक्शन मांग रहा है। लेकिन उसके बाद मरीज की लाचारी पर किसी भी चिकित्सक को दया नहीं आ रही, और उसे दर्द में तड़पने के लिए छोड़ दिया गया है। जानकारी के अनुसार नौगांव निवासी 18 वर्षीय वासुदेव के पैर में संक्रमण हो गया था, जिसके चलते उसके परिजन उसे जयारोग्य चिकित्सालय के सर्जरी विभाग में उपचार के लिए लेकर पहुंचे और वासुदेव को विभाग में भर्ती कर चले गए। वासुदेव का भर्ती के दौरान आॅपरेशन हुआ और उसके बायां पैर घुटने के नीचे से काट दिया गया। आॅपरेशन के बाद वासुदेव को विगत माह लावारिस वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उसे न तो दवा दी जा रही है, और न ही उसके पैर की ड्रेसिंग की जा रही है। इतना ही नहीं जब वासुदेव से बात की गई तो उसने जिस लाचारी से अपनी पीड़ा सुनाई उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।

वासुदेव ने बताया कि वह विगत कई दिनों से न तो उसके पैर की पट्टी की गई है, और न ही कोई चिकित्सक देखने आया है, दर्द की वजह से विगत एक माह से सोया नहीं है, उसने चिकित्सकों से कई बार दर्द का इंजेक्शन लगाने के लिए कहा लेकिन किसी भी चिकित्सक ने उसे दर्द का इंजेक्शन नहीं लगाया। दर्द सहन न करने के कारण अब वासुदेव जहर का इंजेक्शन लगाने की बात कह रहा है। लेकिन उसके बाद भी वासुदेव पर किसी भी चिकित्सक को दया नहीं आ रही। वासुदेव का पैर कट जाने के कारण वह इतना लाचार हो गया है कि वह न तो पानी पीने के लिए चल कर जा सकता है, और न ही किसी अन्य कार्य के लिए। जिसके चलते अब उसने अपनी जीने तक की इच्छा छोड़ दी है, और वह आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा है। अस्पताल में अगर कोई चिकित्सक उस पर दया दिखा कर उसका ठीक से उपचार करे तो शायद उसमें जीने की इच्छा दुबारा जाग जाये, लेकिन अस्पताल के सर्जरी विभाग में कोई भी एक ऐसा चिकित्सक नहीं है जो उसकी सहायता करे। वहीं इस मामले पर जब सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वासुदेव को सर्जरी विभाग में शिफ्ट कर उपचार करने के लिए कहा गया था, लेकिन सर्जरी विभाग के चिकित्सकों द्वारा वासुदेव को क्यों भर्ती नहीं किया गया, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में कई मरीज आये दिन दवाओं के लिए भटकते रहते हैं, फिर भी अस्पताल प्रबंधन पूरी दवा उपलब्ध होने की बात कहता रहता है।

वार्ड में पसरी दुर्गंध

वासुदेव को जिस लावारिस वार्ड में भर्ती किया गया है, उसमें इतनी दुर्गंध पसरी हुई है जहां कोई सामान्य व्यक्ति दो मिनट खड़ा भी नहीं हो सकता। लेकिन उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा न तो वार्ड में साफ-सफाई कराई जा रही है, और न ही वासुदेव को शिफ्ट किया जा रहा है।

पूरी रात दर्द से चीखता है वासुदेव

लावारिस वार्ड के समीप स्थित मेडिसिन वार्ड मे भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि वासुदेव पूरी रात बहुत बुरी तरह से चीखता और रोता है, लेकिन उसके बाद भी किसी भी चिकित्सक को उसकी चीख-पुकार सुनाई नहीं देती।

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