पलानीस्‍वामी बने तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री

पलानीस्‍वामी बने तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री
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चेन्‍नई| वी के शशिकला के समर्थक इडाप्पडी के. पलानीस्वामी गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी जिससे अन्नाद्रमुक महासचिव के खिलाफ कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम की बगावत से राज्य में शुरू हुई राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गयी। पलानीस्वामी पिछले नौ महीने में इस शीर्ष पद पर काबिज होने वाले तीसरे व्यक्ति हैं।

राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने राजभवन में एक सादे समारोह में 63 वर्षीय पलानीस्वामी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। वह 31 सदस्यीय मंत्रिमंडल के प्रमुख बने हैं। मंत्रियों को भी इसी कार्यक्रम में शपथ दिलायी गयी। पलानीस्वामी पिछले नौ महीने में मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले तीसरे अन्नाद्रमुक नेता हैं। अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और मुख्यमंत्री जयललिता ने मई, 2016 में विधानसभा चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार अपनी पार्टी को सत्ता में पहुंचाया था। जिन 74 दिन वह मौत से जूझ रही थीं, तब वह इस पद पर बनी रही।

पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के कुछ ही घंटे के अंदर पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी। जब भ्रष्टाचार के मामले में जयललिता को जेल जाना पड़ा था तब भी उन्होंने यह प्रभार संभाला था।
शशिकला का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पन्नीरसेल्वम बाद में इस पद से हट गए । पहले ही पार्टी महासचिव चुनी गयीं शशिकला पांच फरवरी को पार्टी विधायक दल की नेता निर्वाचित हुईं। बाद में पलानीस्वामी अन्नाद्रमुक संस्थापक एम जी रामचंद्रन और जयललिता के स्मारकों पर गए जहां उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ अन्नाद्रमुक उपमहासचिव और शशिकला के भतीजे टी टी वी दिनाकरण भी थे। जेल जाने से पहले शशिकला ने दिनाकरण को पार्टी में शामिल किया था और उपमहासचिव नियुक्त किया था ताकि उनकी गैर मौजूदगी में पार्टी का नियंत्रण उनके हाथों में हो। दिनाकरण को पांच साल पहले जयललिता ने पार्टी से निकाल दिया था।

पलानीस्वामी ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपने पहले मीडिया संवाद में कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि अम्मा (जयललिता) की सरकार जारी रहे। उन्होंने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि विधानसभा में बहुमत साबित कर मेरे द्वारा अम्मा की सरकार जारी रखी जाएगी।’ तमिलनाडु विधानसभा के सचिव जमालुदीन ने कहा कि विश्वास मत परीक्षण 18 फरवरी को होगा।

इस बीच मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण कर दिया है। उन्होंने गृह, वित्त, लोकनिर्माण, राजमार्ग और छोटे बंदरगाह जैसे अहम विभाग अपने पास ही रखे हैं। जयललिता और पन्नीरसेल्वम मंत्रिमंडलों के समय उनके पास लोकनिर्माण, राजमार्ग और छोटे बंदरगाह जैसे अहम विभाग थे।

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