आचार संहिता व्यवहार में भी शामिल हो : राज्यपाल

भोपाल। हम सब मिलकर ऐसे प्रयास करें कि आचार संहिता सिर्फ किताब में लिखी इबारत न हो, बल्कि सभी के व्यवहार में शामिल हो तथा मतदाताओं को महसूस भी हो। राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली ने यह बात मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के 23वें स्थापना दिवस समारोह में कही। श्री कोहली ने कहा कि आयोग का काम सिर्फ मतदान करवाना नहीं है। इसमें आने वाली किसी भी अड़चन को वैधानिक तरीकों से दूर करना भी है। उन्होंने कहा कि हमने लोकतंत्र को एक जीवन मूल्य के रूप में आत्मसात किया है। इस व्यवस्था में जन-भावनाएँ मत पत्र के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं।
यह हुए पुरस्कृत
राज्यपाल कोहली ने फोटोयुक्त मतदाता-सूची में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने जिलाधिकारी उज्जैन, छतरपुर, शाजापुर, बालाघाट, ग्वालियर, देवास, शिवपुरी, मंडला, छिंदवाड़ा, सागर, दमोह, खण्डवा, टीकमगढ़, रायसेन, अशोकनगर, सिंगरौली और अनूपपुर को सम्मानित किया।
श्री कोहली ने उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की ईशा शास्त्री, अक्षित देवांश और एफएलआईयूके प्रदर्श जौहरी, अदवै वंदोपाध्याय, रिमशा जफर और अदिति नायक को भी सम्मानित किया। श्री कोहली ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों की सराहना की। राज्यपाल ने आयोग में 'परिवर्तनों एवं कीर्तिमानों की श्रंखला' शिलालेख का लोकार्पण किया। इसी विषय पर बनी फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। श्री कोहली ने आयोग की कॉफी टेबल बुक एवं न्यायालयीन निर्णयों के संकलन का विमोचन और जीआईएस पोर्टल एवं मोबाइल एप का शुभारंभ भी किया।
