प्रदेश में सिंचाई परियोजनाएं चढ़ेंगी परवान

मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 10 हजार किलोमीटर सड़क का होगा डामरीकरण
भोपाल/पचमढ़ी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में पचमढ़ी में सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में 18 हजार 360 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र की चार सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। साथ ही ग्रामीण आबादी को बाजार, स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक क्षेत्र आदि से बेहतर पहुँच मार्ग देने और इनकी दूरी कम करने के लिए मध्यप्रदेश रूरल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को अनुमोदन प्रदान किया गया। मंत्रि-परिषद ने सिंचाई परियोजनाओं को अनुमोदन प्रदान करते हुए जबलपुर की छीताखुदरी मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 310.03 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। इससे 8920 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इसी क्रम में रतलाम की कोटेश्वर (इमलीपाडा) लघु सिंचाई परियोजना के लिए 69 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। इससे 1995 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। सागर की कैथ मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 162 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई । इससे 5135 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। इस परियोजना से सागर जिले के रहली विकासखण्ड के 21 ग्राम लाभांवित होंगें। बुरहानपुर की भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इससे 2310 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। इन सिंचाई परियोजनाओं से प्रदेश में कुल 18 हजार 360 हेक्टेयर सिंचाई रकबे में वृद्धि होगी।
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में निर्मित सड़कों में से 10 हजार किलोमीटर सड़क का डामरीकरण कर उन्नयन करने तथा 510 किलोमीटर नवीन सड़क निर्माण के लिए विश्व बैंक तथा एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक से सहायता प्राप्त 505 मिलियन यूएस डॉलर के मध्यप्रदेश रूलर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को अनुमोदन प्रदान किया। इस प्रोजेक्ट के तहत यह शर्त रखी गई है कि 2011 की जनगणना के आधार पर 5 हजार जनसंख्या लाभान्वित हो तथा प्रस्तावित नवीन मार्ग के अंतिम बिन्दु के ग्रामीणों के लिए बाजार, स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक क्षेत्र आदि में पहुँचने के लिए दूरी में 50 प्रतिशत की कमी हो। प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। प्रोजेक्ट को दो वर्ष में पूरा किया जाएगा।
मप्र पर्यटन बोर्ड का होगा गठन
मप्र पर्यटन केबिनेट की पचमढ़ी में मंगलवार को हुई बैठक में पर्यटन के विस्तार एवं प्रोत्साहन के लिए मप्र पर्यटन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया। बोर्ड के मुख्य कार्य, पर्यटन नीति 2016 के सभी दायित्वों का निर्वहन करना, पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना, इन्वेस्टर्स फेसिलिटेशन, निवेशकों को नीति अनुसार अनुदान एवं सुविधाएँ उपलब्ध करवाना तथा निवेशकों को आकर्षित करने के लिये नई नीतियों का आकल्पन, क्रियान्वयन एवं निगरानी, निजी निवेश से पर्यटन परियोजना की स्थापना को बढ़ावा देने के लिये उपयुक्त स्थल चयन कर लैण्ड बैंक को निरंतर बढ़ाना, प्रदेश में पर्यटन संबंधी समस्त स्थान जैसे, पुरातात्विक स्थलों, वन्य-प्राणी स्थलों, प्राकृतिक सौन्दर्ययुक्त गुफाओं, पार्कों, जल क्षेत्रों एवं अन्य मनोरंजक स्थानों के विकास की कार्य-योजनाएं बनाना और उनके अनुरक्षण के उपाय करना, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के प्रोत्साहन से संबंधित विभिन्न आयोजनों में भाग लेकर निजी निवेशकों को प्रोत्साहित करना आदि होंगे।