बालिका से दुराचार में असफल होने पर की गयी हत्या के आरोपी को मिली फांसी

मथुरा। बल्देव क्षेत्र में साढ़े पांच माह में 6 साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार की कोशिश में नाकाम होने पर उसकी हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय नवम विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने आरोपी को फाँसी की सजा सुनायी है। आरोपी ने अपना जुर्म खुद कबूल कर लिया है। न्यायालय द्वारा इतना जल्द फैसला सुनाकर एक अनूठा उदाहरण पेश किया है।
विदित है कि जनपद के थाना क्षेत्र बल्देव के गांव सराय सालवान निवासी आरोपी श्यामजीत उर्फ मोतीराम उर्फ कलूटा पुत्र मलखान सिंह अपने गांव के ही मित्र के साथ विगत 25 अगस्त 2016 को करीब 11 बजे शराब पी कर उसके घर गया था। जन्माष्टमी पर शराब पीकर लौटे पति को उसकी पत्नी ने भला-बुरा कहा और वे झगड़ते हुए पड़ौस में ही रहने वाली अपनी माँ के घर चले गये। लेकिन श्यामजीत वहीं रह गया। इसी दौरान श्यामजीत ने अपने मित्र की करीब 6 वर्षीय बेटी को चारपाई पर लेटा पाया तो उसकी हैवानियत जाग उठी उसने पहले तो चारपाई पर ही बच्ची के साथ दुराचार की कोशिश की लेकिन उसे वहां डर लगा तो वो उसे उठाकर पड़ौसी बलवीर के खाली पड़े मकान में ले गया। रास्ते में उसे गांव के पूर्व प्रधान कालीचरन ने टोका तो उसने बताया कि वो उसको लेकर सत्संग जा रहा है। जब गृहस्वामी व उसकी पत्नी को घर लौटे तो वहां पर बच्ची व श्यामजीत गायब मिले। पीडि़त ने गांव के लोगों से पूछताछ की तभी उसे कालीचरन मिला। उसने विगत रात का वाकया बताया उसी जगह पर खोजबीन की तो बलवीर के बन्द मकान में उन्हें बेटी का शव मिला। पुलिस ने बालिका के पिता की तहरीर पर श्यामजीत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
इस मामले में थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार मान ने 4 दिन बार आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और 15 सितम्बर को धारा 302, 363, 366 एवं 10 पॉस्को एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसके बाद मात्र एक माह में ही 14 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई भी पूरी कर ली गयी। इस जघन्य हत्या का आरोपी श्यामजीत हालांकि अविवाहित है, उसके दो भाई भी हैं।
लेकिन उन्होंने भी उसकी पैरवी में कोई दिलचस्पी नहीं ली। ऐसे में अदालत ने उसे सरकारी कानूनी सहायता प्रदान कर कन्हैयालाल वर्मा को उसका वकील बनाया। बालिका के पिता की सदमें से मौत हो गयी। इस मामले के सरकारी अधिवक्ता रहे रवीन्द्र कुमार ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि गुरूवार को जनपद के न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने उसे धारा 302, 363, 366 एवं 10 पॉस्को एक्ट के तहत आरोपी मानते हुए सजा ए मौत का फरमान सुनाया है।