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राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करती है श्रीकृष्ण नीति

राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करती है श्रीकृष्ण नीति
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ग्वालियर, न.सं.। माधव महाविद्यालय के प्रथम प्राचार्य व चिंतक स्व. डॉ. श्रीधर गोपाल कुंटे के तीन दिवसीय जन्म शताब्दी उत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार को दाल बाजार स्थित आबा महाराज श्रीराम मंदिर में शाम को व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। व्याख्यान माला का विषय योगेश्वर श्री कृष्ण रहें। इस व्याख्यान माला में ख्यातिलब्ध प्रवचक विवेक घलसासी मुख्य रूप से उपस्थित थे।

दूसरे दिन व्याख्यान माला की शुरूआत दीप प्रज्जवलन से हुई। इस मौके पर विवेक घलसासी ने अपने ओजस्वी व्याख्यान में योगेश्वर श्रीकृष्ण विषय पर बोलते हुए कहा कि श्रीकृष्ण की नीति राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करती है। विवेक घलसासी ने कहा कि श्रीकृष्ण ने स्वयं को विकसित कर राष्ट्रधर्म की स्थापना की। श्रीकृष्ण ने स्वयं सत्ताधीश न होते हुए न्याय पद्धति से योग्य व्यक्तियों को सत्ता पर बैठाया। विवेक घलसासी ने कहा कि श्रीकृष्ण राष्ट्र नेता थे, उन्होंने भारतीय अस्मिता को प्रखरता से स्थापित किया। श्रीकृष्ण विश्व को सदैव पथ प्रदर्शन करने वाले पूर्ण पुरूष थे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भगवान राम की तरह भारतीय राष्ट्रीय चेतना के प्रवाहक थे। इसी क्रम में व्याख्यान माला के अंतिम दिन शनिवार का विषय योगेश्वर श्रीकृष्ण ही होगा। व्याख्यान माला के अवसर पर महापौर विवेक शेजवलकर, कार्यक्रम संयोजक वसंत कुंटे, नरेन्द्र कुंटे, डॉ. चन्द्रकांत मोघे, किरण कल्याणकर, जीतेन्द्र वझे सहित कई गणमान्यजन उपस्थित थे।

Updated : 9 Dec 2017 12:00 AM GMT
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