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मुझे अयोग्य ठहराने से प्रजातांत्रिक मूल्यों को लगा झटकाः शरद

मुझे अयोग्य ठहराने से प्रजातांत्रिक मूल्यों को लगा झटकाः शरद
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नई दिल्ली। आज गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पूर्व राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने कहा कि राज्यसभा के सभापति की ओर से उन्हें अयोग्य ठहराए जाने से देश में प्रजातांत्रिक मूल्यों को झटका लगा हैे। शरद ने कहा कि उन्हें पहले से मालूम था कि उन्हें राज्यसभा सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संविधान के दसवीं अनुसूची में कहा गया है कि अगर कोई सदस्य सदन में मतदान के दौरान अगर अपनी पार्टी के आदेश की अवहेलना करता है तो उसे उसकी सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। लेकिन उनके मामले में तो सदन में मतदान की घटना तो घटी ही नहीं, फिर उन्हें क्यों निष्कासित किया गया, यह उनकी समझ से परे है।

शरद ने आगे कहा कि वह देश में प्रजातांत्रिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए अरसे से काम कर रहे हैं। उन्होंने लोकनायक जय प्रकाश नारायण के आंदोलन के समय भी सदन से इस्तीफा दिया था। फिर उन्होंने हवाला मामले में अपना नाम आने पर इस्तीफा दिया। उन्हें कभी भी पद का मोह नहीं रहा और अभी भी कोई मोह नहीं है। उन्होंने कुर्सी के लिए कभी काम नहीं किया। आगे भी देश में प्रजातांत्रिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए काम करते रहेंगे।

Updated : 7 Dec 2017 12:00 AM GMT
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