देशवासी 4 जनवरी से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में बढ़-चढ़कर लें हिस्सा: मोदी

देशवासी 4 जनवरी से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में बढ़-चढ़कर लें हिस्सा: मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि स्वच्छता सिर्फ सरकार का विषय नहीं है बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक और नागरिक संगठनों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने देशवासियों से जनवरी में शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वच्छता, सिर्फ सरकार करे ऐसा नहीं। स्वच्छता के लिए हर नागरिक और नागरिक संगठनों की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर की उपलब्धियों का आकलन करने के लिए आगामी 4 जनवरी से 10 मार्च 2018 के बीच दुनिया का सबसे बड़ा सर्वे ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2018’ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नागरिकों से अपील है कि इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। सभी आने वाले दिनों में स्वच्छता-सर्वे में बढ़-चढ़कर भाग लें।

मोदी ने कहा कि आपका शहर, आपका गली-मोहल्ला पीछे न रह जाए इसका बीड़ा उठाएं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि घर से सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करना, साथ ही नीले और हरे कूड़ेदान का उपयोग अब आपकी आदत बन ही गई होगी। कूड़े के लिए रिड्यूज, री-यूज और री-साइकिल का सिद्धांत बहुत कारगर होता है। उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर 2014 को पूज्य बापू की जयंती पर हम सबने उनके अधूरे काम 'स्वच्छ-भारत', गंदगी से मुक्त भारत को पूरा करने का संकल्प लिया है। स्वच्छता की दिशा में देशभर में व्यापक स्तर पर प्रयास हो रहा है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जन-भागीदारी से परिवर्तन नजर आने लगा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता सर्वे, चार हजार से भी अधिक शहरों में लगभग 40 करोड़ आबादी में किया जाएगा। इसमें जिन तथ्यों का आकलन किया जाएगा उनमें शहरों में खुले में शौच से मुक्ति, कूड़े का कलेक्शन, कूड़े को उठाकर ले जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था, वैज्ञानिक तरीक़े से कूड़े की प्रसंस्करण, व्यवहार परिवर्तन के लिए किए जा रहे प्रयास, क्षमता निर्माण और स्वच्छता के लिए किए गए पहल और इस काम के लिए जन-भागीदारी। इस सर्वे के दौरान, अलग-अलग दल जा करके शहरों का निरीक्षण करेंगे। नागरिकों से बात करके उनकी प्रतिक्रिया लेंगे। स्वच्छता एप के उपयोग का तथा विभिन्न प्रकार के सेवा-स्थलों में सुधार का विश्लेषण करेंगे। इसमें यह भी देखा जाएगा कि क्या ऐसी सारी व्यवस्था शहरों के द्वारा बनायी गई है, जिनसे शहर की स्वच्छता जन-जन का स्वभाव बने, शहर का स्वभाव बन जाए।
मोदी ने कहा कि जब शहरों की रैंकिंग इस सर्वे के आधार पर की जाएगी अगर आपका शहर एक लाख से अधिक आबादी का है तो पूरे देश की रैंकिंग में, और एक लाख से कम आबादी का है तो क्षेत्रीय रैंकिंग में ऊंचे-से-ऊंचा स्थान प्राप्त करें, ये आपका सपना होना चाहिए, आपका प्रयास होना चाहिए। चार जनवरी से 10 मार्च 2018 के बीच होने वाले स्वच्छता-सर्वेक्षण में, स्वच्छता के इस स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में आप कहीं पिछड़ न जाएं - ये हर नगर में एक सार्वजनिक चर्चा का विषय बनना चाहिए और आप सब का सपना होना चाहिए, ‘हमारा शहर- हमारा प्रयास’, ‘हमारी प्रगति-देश की प्रगति’। आइए, इस संकल्प के साथ हम सब फिर से एक बार पूज्य बापू का स्मरण करते हुए स्वच्छ-भारत का संकल्प लेते हुए पुरुषार्थ की पराकाष्ठा करें।

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