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राष्ट्रपति बोले - केंद्र सरकार 2022 तक 25 लाख दिव्यांगों को देगी रोजगार

राष्ट्रपति बोले - केंद्र सरकार 2022 तक 25 लाख दिव्यांगों को देगी रोजगार
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने दिव्यांगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए उनके रोजगार सृजन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि हमारी शासकीय प्रणाली में आरक्षण की आदर्श व्यवस्था है। केंद्र सरकार दिव्यांगों के लिए रिक्त पड़े पदों पर तेजी से नियुक्तियां कर रही है और कौशल विकास की राष्ट्रीय योजना के तहत 2022 तक 25 लाख दिव्यांगों को रोजगार प्रदान किया जाएगा। ये नए भारत की नई सोच को दर्शाता है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने यह बात रविवार को यहां विज्ञान भवन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत, दिव्यांगजन अधिकारता विभाग द्वारा आयोजित समारोह में 'अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस' के अवसर पर 52 लोगों तथा संस्थानों को दिव्यांगों के सशक्तिकरण में विशेष उपलब्धियों के लिए ‘राष्ट्रीय दिव्यांग जन पुरस्कार 2017’ से सम्मानित करने के दौरान कही। कार्यक्रम में सामाजिक न्यामय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्याय और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, रामदास अठावले और विजय सांपला भी मौजूद रहे।

कोविन्द ने कहा कि दिव्यांग-जनों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्र ने दिव्यांगताओं की श्रेणी में बढ़ोतरी करते हुए इसे सात श्रेणी से बढ़ाकर 21 कर दिया है। सरकार का यह फैसला अत्यंत सराहनीय है। मुझे विश्वास है कि इस पहल से दिव्यांग-जनों का जीवन बेहतर एवं सम्मानजनक होगा। उन्होंने कहा कि किसी दिव्यांग का मूल्यांकन उसकी शारीरिक क्षमता से नहीं, बल्कि उसकी सोच, उसकी बुद्धिमत्ता, उसके विवेक और साहस से होनी चाहिए।

अष्टावक्र ऋषि या स्टीफेन हॉकिन्स का जीवन, हमें एक सन्देश देता है कि दिव्यांगता किसी व्यक्ति की कमज़ोरी नहीं बल्कि उसकी विशेषता हो सकती है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक भवनों, पर्यटक स्थलों एवं परिवहन को दिव्यांग-जनों के लिए सुगम बनाना एक अत्यंत प्रशंसनीय पहल है। खुशी की बात है कि यह सुविधाएं, दिव्यांग-जनों के साथ-साथ वृद्ध नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में भी योगदान देती है। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास' की हमारी धारणा और परिकल्पना में, हमें इस बात के लिए प्रतिबद्ध होना होगा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को विकास के लिए समान अवसर प्राप्त हों। सरकार द्वारा, इस योजना के अंतर्गत, साढ़े तीन वर्षों में लगभग 8 लाख दिव्यांगजनों की मदद हुई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यदि हमारा ध्यान शिशुकाल में ही सावधानियों और उचित इलाज पर हो और सही समय पर टीकाकरण, सही पोषण, स्वच्छता और मातृत्व देखभाल पर ध्यान दिया जाए तो दिव्यांगता में कमी लाना संभव है। सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में दिव्यांग छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की शुरुआत की है। दिव्यांग छात्रों की जरूरतों का पता लगाने के लिए प्रत्येक शिक्षक को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, जिससे बच्चों की जरूरतों को समझा जा सकें। उन्होंने कहा कि पैरा ओलंपिक में पदक विजेता देवेन्द्र सिंह झांझरिया, केएम मैरय्यापन, दीपा मलिक व वरुण मलिक दूसरे दिव्यांगजनों के लिए आदर्श हैं। भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के विश्व स्तर पर बेहतर प्रदर्शन से हम सभी गौरवान्वित हुए हैं।

Updated : 3 Dec 2017 12:00 AM GMT
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