पार्कों के सौन्दर्यीकरण के नाम पर लीपा -पोती, नहीं दे रहा कोई ध्यान

पार्कों के सौन्दर्यीकरण के नाम पर लीपा -पोती, नहीं दे रहा कोई ध्यान
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-127 पार्कों का होना है सौंदर्यीकरण, ठेकेदार की मिली भगत से हो रहा है काम
ग्वालियर। शहर के बंजर पड़े पार्कों की दशा सुधारने के नाम पर नगर निगम ने अपनी तरह से काम करना शुरू कर दिया है। इन पार्कों का सौन्दर्यीकरण करने का काम ठेके पर दिया गया है। फिलहाल पार्कों की दशा सुधारने का काम तो शुरू हो गया है लेकिन काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। नगर निगम को शहर के बंजर पडेÞ पार्कों की दशा सुधारने की सुध आ गई है। इसी क्रम में शहर के 126 पार्कों को चिंन्हित कर उनके सौन्दर्यीकरण का काम किया जाने लगा है। तीन उपनगरों में बंटे शहर में नगर निगम ने प्रथम चरण में 127 ऐसे पार्क चिह्नित किए हैं, जिनमें बाउंड्रीवॉल है। इन पार्कों को विकसित करने के लिए टेंडर किए गए हैं।

निगम के जिम्मेदार अधिकारी हो रहे खुश

जिन इलाको मे पार्कों के रखरखाव का काम होने लगा है उन क्षेत्रों में रहने वाले लोग ठेकेदारोें द्वारा किए जा रहे काम से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी इस काम को ठेके पर देकर खुश नजर आ रहे हैं।
तुलसी उद्यान में लगाए जा रहे खराब पौधे
नगर निगम द्वारा समाधिया कॉलोनी स्थित तुलसी उद्यान में ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य से स्थानीय निवासी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। ठेकेदार पार्क में कम मिट्Þटी डालकर घास उगाने का प्रयास कर रहे हैं।

10 से 12 फीट के पेड़ लगेंगे

पार्कों में हॉर्टीकल्चर वर्क के साथ-साथ बाउंड्रीवॉल के आसपास गुड़हल, चांदनी, बोगन बिलिया व अन्य छायादार (10-12 फीट ऊंचाई के) पेड़ लगाए जाएंगे। पहली बार नगर निगम पार्क के सौन्दर्यीकरण कराने के साथ ही प्रत्येक पार्क का तीन-तीन साल का मेंटेनेंस का ठेका भी दे रहा है। ठेके के दौरान पार्क के रखरखाव व पौधों को विकसित करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी।

इनका कहना है

‘‘हमने ठेकेदार को चार महीने का समय दिया है। चार महीने में पार्कों का सौन्दर्यीकरण होगा। उसके बाद एक टीम निरीक्षण करेगी, जिसके बाद पहला भुगतान ठेकेदारों को किया जाएगा। अभी किसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं हुआ है। साथ ही 3 साल तक ठेकेदार ही पार्क की देखरेख भी करेंगे। ’’

आरके श्रीवास्तव, अपर आयुक्त, नगर निगम


शुरू से योजना को पलीता लगाने में लगे ठेकेदार

इस योजना के तहत पार्कों में मिट्टी भरकर उनमें पेड़ तथा घास लगाना तथा पार्कों की मरम्मत आदि शामिल है। यह काम ठेकेदारोें को दिया गया है,ठेकेदार पार्कों में पेड़- पौधे तथा घास लगाकर उनकी तीन साल तक देखरेख करेंगे। लेकिन यह योजना शुरू होने के साथ ही इसमें पलीता लगना शुरू हो गया है। अभी से हालत यह होने लगी है कि पार्कों में पेड़ तथा घास लगाने के लिए मिट्टी की जगह मलवा भरा जाने लगा है। इस हालत में पार्कों की दशा सुधरे न सुधरे लेकिन नगर निगम के ठेकेदारों और इस काम की देखरेख करने वाले अधिकारियोें की आर्थिक दशा में जरुर सुधार हो जाएगा।

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