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राहुल की ताजपोशी: 'हम प्यार से देंगे नफरत की राजनीति का जवाब'

राहुल की ताजपोशी: हम प्यार से देंगे नफरत की राजनीति का जवाब
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नई दिल्ली। राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस की कमान सम्भाल ली है। राहुल की ताजपोशी पर कांग्रेस मुख्यालय पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौक पर उन्होंने अपने पहले सम्बोधन में केंद्र की मोदी सरकार पर नफरत की राजनीती फ़ैलाने का आरोप लगाते हुए इसका जवाब प्यार से देने की अपील कार्यकर्ताओं से की। वहीं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार में लोगों के मूल अधिकार तक सुरक्षित नहीं हैं। इसके साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ ममनमोहन सिंह ने वर्तमान राजनीति को भयावह करार देते हुए कहा कि देश में उम्मीदों की राजनीति पर भय की राजनीति हावी होना अत्यंत खतरनाक है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा, 'आज प्रधानमंत्री देश को पीछे ले जा रहे हैं। एक बार आग लग जाती है तो उसे बुझाना मुश्किल होता है। यही हम भाजपा के लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरे देश में आग और हिंसा फैलाई जा रही है। भाजपा तोड़ती है और हम जोड़ते हैं। वे आग लगाते हैं, हम उसे बुझाते हैं। वे नफरत फैलाते हैं, हम प्यार बांटते हैं। वे बांटते हैं, हम लोगों को एक साथ जोड़ते हैं। इन्हीं बातों को लेकर हम औरों से अलग हैं।'

राहुल गांधी ने कहा, 'पूरे देश में सिर्फ एक शक्ति है जो इसे रोक सकती है और वह है कांग्रेस के प्यारे कार्यकर्ता। वे तोड़ते हैं, हम जोड़ते हैं। वे आग लगाते हैं, हम बुझाते हैं। वे गुस्सा करते हैं, हम प्यार करते हैं।'
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'कांग्रेस मुक्त भारत' के नारे पर पलटवार करते हुए कहा, ' मैंने उनकी लड़ाई लड़ी है, जो अकेले नहीं लड़ सकते। स्वतंत्रता आंदोलन के इसी जज्बे से आज हमारी पार्टी को रोशनी मिल रही है। हम भाजपा के लोगों को भी भाई-बहन मानते हैं। वे हमें मिटाना चाहते हैं। हम ऐसा नहीं सोचते। हम नफरत का मुकाबला नफरत से नहीं करते, प्यार से करते हैं। हम भाजपा की विचारधारा से सहमत नहीं, पर उनसे नफरत नहीं करते। वे उनका तिरस्कार करते हैं लेकिन हम उनका आदर करते हैं और उनका बचाव करते हैं।'

वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस को 'ग्रैंड ओल्ड ऐंड यंग पार्टी' बनाने की बात कहते हुए कहा, 'मैं देश के युवाओं से कहना चाहता हूं कि हम कांग्रेस को हिंदुस्तान की ग्रैंड ओल्ड ऐंड यंग पार्टी बनाने जा रहे हैं। मैं आपको निमंत्रण देता हूं कि आइये, प्यार का, भाईचारे का हिन्दुस्तान बनाते हैं। हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को हराएंगे। मैंने महसूस किया है कि जब आप गरीबों के लिए खड़े होते हैं तो सत्ता में बैठे लोग आपको यथासंभव दबाने की कोशिश करते हैं।'
बतौर पार्टी अध्यक्ष अपने अंतिम सम्बोधन में सोनिया ने कहा, 'राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने पर मैं उन्हें हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और आशीर्वाद देती हूं। एक नया दौर, एक नये नेतृत्व की उम्मीद राहुल गांधी, आपके सामने है। कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्तागण इस पूरी यात्रा में मेरे हमसफर रहे हैं। मैंने आपसे जो सीखा उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। हमने समाज के हर तबके का प्रतिनिधित्व और विकास किया, हमने ऐसे कानून बनाये जो जनता के अधिकारों पर आधारित थे। हमने हमेशा लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्षता का सम्मान किया। ये सिद्धान्तों की लड़ाई है इसके लिए हमें हर बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए।' सोनिया गांधी ने कहा, 'राजनीति में आने पर राहुल ने ऐसे भयंकर व्यक्तिगत हमले का सामना किया जिसने उसे और निडर इंसान बनाया।'

शनिवार को राहुल की ताजपोशी के दौरान खास बात ये रही कि सोनिया यूं तो बहुत खुश नजर आ रहीं थीं लेकिन भाषण के दौरान वे अचानक गुस्सा हो गईं क्योंकि सोनिया जब भाषण दे रही थीं तभी मुख्यालय के बाहर पटाखे फूटने लगे, जिससे सोनिया नाराज हो गईं और उन्होंने अपना भाषण रोक दिया। सोनिया गांधी को तीन बार अपना भाषण रोकना पड़ा। हालांकि, 5-7 मिनट की रुकावट के बाद सोनिया ने दोबारा अपना भाषण शुरू किया।
इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा, 'एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् ने इस बात का उल्लेख किया कि देश में उम्मीदों की राजनीति पर भय की राजनीति हावी होना अत्यंत खतरनाक है। हमलोग इन उम्मीदों की राजनीति में परिवर्तन लाने और इसे बनाए रखने के लिए राहुल गांधी पर निर्भर हैं।' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'राहुल गांधी को लंबे समय तक प्रशिक्षित किया गया, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की गतिविधियों को बड़े नजदीक से देखा है। राहुल साहस और विनम्रता के साथ समर्पण और प्रतिबद्धता के नेतृत्व की एक नई भावना साथ लाए हैं।' इस दौरान मंच पर गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, जनार्दन द्विवेदी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी की बागडोर संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं। वे 24 सितंबर 2007 को कांग्रेस के महासचिव बने थे। इसके बाद राहुल 2013 में पार्टी के उपाध्यक्ष बने थे। राहुल गांधी ने 2004 में राजनीति में प्रवेश किया और अपने पिता दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा चुनाव जीते। वर्तमान में राहुल अमेठी से लोकसभा सदस्य है। फिलहाल असली सवाल ये है कि क्या राहुल कांग्रेस को वाकई नया रास्ता दिखा पाएंगे? राहुल के लिए ये मौक़ा भी है और चुनौती भी।

Updated : 16 Dec 2017 12:00 AM GMT
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