आधार संशोधन विधेयक को मनी बिल की तरह पेश करने पर केंद्र को नोटिस

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आधार संशोधन विधेयक को मनी बिल की तरह पेश करने के स्पीकर के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस याचिका को मुख्य याचिका के साथ टैग कर ने का आदेश दिया|
पिछले 13 फरवरी को जयराम रमेश की अर्जी पर सुनवाई के दौरान तत्कालीन अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि विधायिका की कार्यवाही में स्पीकर के फैसले पर कोर्ट सवाल खड़े नहीं कर सकता। जब मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को संवैधानिक प्रावधान दिखाए तो कोर्ट ने जयराम रमेश के वकील पी चिदंबरम से कहा कि वो याचिकाकर्ता की सभी बातों से सहमत नहीं हो सकते।
चिदंबरम ने कोर्ट से कहा था कि राज्यसभा के समक्ष विचार-विमर्श से बचने के लिए आधार विधेयक का समर्थन धन विधेयक के रूप में किया, जिसे धन विधेयक पर कोई अधिकार नहीं होता है। आधार विधेयक को धन विधेयक के रूप में समर्थन किए जाने के अध्यक्ष के फैसले की समीक्षा पर जोर देते हुए चिदंबरम ने कहा कि यह देखना महत्वपूर्ण है कि किसे धन विधेयक के रूप में पेश किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये एक गंभीर मुद्दा है।
कोर्ट ने रोहतगी की इस दलील से सहमति जताई थी कि यह मुद्दा समेकित कोष से धन निकालने से जुड़ा है। कोर्ट ने चिदंबरम से कहा था कि वह अटॉर्नी जनरल द्वारा उठाई गई सभी आपित्तयों को देखें।