पारसी पर्सनल लॉ मामला : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। पारसी पर्सनल लॉ को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि पारसी पर्सनल लॉ को क्यों नहीं खत्म कर दिया जाए।
याचिका महाराष्ट्र की पारसी महिला नाओमी सैम ईरानी ने दायर की है। याचिका में ईरानी ने कहा है कि पारसी पर्सनल लॉ के तहत स्थानीय लोगों को विवाहित पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के निपटारे का अधिकार दिया गया है। ईरानी ने कहा है कि स्थानीय लोगों को इस संवेदनशील मसले के हल का अधिकार देना महिलाओं के निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
ईरानी ने कहा है कि जिस तरह कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध करार देकर मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की है उसी तरह पारसी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाए। याचिका में कहा गया है कि भारतीय संसद ने 1984 में फेमिली कोर्ट एक्ट बनाया लेकिन उसके बावजूद पारसी समुदाय के फैमिली मैटर 1936 के कानून के तहत बने पारसी डिस्ट्रिक्ट मैट्रिमोनियल कोर्ट में ले जाए जाते हैं। वहां महिलाओं को तलाक लेने की आजादी नहीं दी जाती है। इसके लिए उसे संबंधित मैट्रिमोनियल कोर्ट से अनुमति लेनी होती है।