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रविशंकर बोले - सभ्य समाज को आतंक पर एक-सी सोच रखनी होगी

रविशंकर बोले - सभ्य समाज को आतंक पर एक-सी सोच रखनी होगी
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नई दिल्ली। केन्द्रीय विधि एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि आतंक के मुद्दे पर सभी सभ्य समाजों को एक जैसी सोच के साथ आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि आतंक के मुद्दे पर हम दो राय नहीं रख सकते।

रविशंकर प्रसाद ने दुनिया के विभिन्न देशों के मुख्य न्यायाधीशों के 18वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘जब हम आतंकियों के मानवाधिकारों की बात करते हैं तो क्यों नहीं उनके शिकार लोगों की बात करते।’’ उन्होंने कहा कि दुनिया में विकास तभी सम्भव है जब शांति हो।

उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत ने हमें एक दायरे में बांध रखा है। ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ हमारा मंत्र है। हमारे संविधान निर्माताओं ने सभी को मत का अधिकार देकर समानता की बात कही। इसके अलावा स्वतन्त्र न्यायापालिका को सुनिश्चित किया। हमें दुनिया की भी चिंता करनी है जिसके लिए संविधान में अनुच्छेद 51 जोड़ा गया। संविधान के अनुच्छेद 51 में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का हिस्सा है जिसमें राज्य को अंतरराष्ट्रीय सौहार्द स्थापित करने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया गया है।

अपनी सरकार के कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम आधार से गरीबों को आर्थिक समावेश सुनिश्चित कर रहे हैं। डिजिटल माध्यम से लोगों को सुविधा दे रहे हैं। डिजिटल समावेश भी सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देश के 20 हज़ार जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय सभी डिजिटल माध्यम से जुड़ गए हैं ताकि सभी तक जानकारी पहुंच सके।

Updated : 9 Nov 2017 12:00 AM GMT
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