आतंकवाद पर पाक के खिलाफ भारत को मिली बड़ी सफलता

आतंकवाद पर पाक के खिलाफ भारत को मिली बड़ी सफलता
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ब्यूनस आयर्स। आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले में चीन के विरोध के बावजूद पाकिसतान के खिलाफ भारत को बड़ी सफलता मिली है। ‘फाइनेंसियल एक्शन टॉस्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान से 3 महीने की भीतर टेरर फंडिग पर रिपोर्ट मांगी है। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।

विदित हो कि एफएटीएफ ऐसी वैश्विक संस्था है जो आतंकी वित्त पोषण, ड्रग्स तस्करी और हवाला कारोबार पर निगरानी रखती है। उल्लेखनीय है कि इस आशय का फैसला अर्जेन्टीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स समूह की बैठक में लिया गया। बैठक में भारत ने आतंकी वित्त पोषण का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान पर सुरक्षा परिषद के आदेशों को दरकिनार करने और आतंकी वित्त पोषण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही। इसके बाद एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 3 माह के लिए निगरानी सूची में डाला और फरवरी 2018 तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

भारत वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की ओर से समर्थित आतंकवाद और आतंकी समूहों के मुद्दे को उठाता रहा है। ब्यूनस आयर्स में आयोजित एफएटीएफ की बैठक में भी चीन ने मसूद अजहर को वीटो लगाकर बचाने की तरह ही पाकिस्तान को इस मामले में भी बचाने की कोशिश की थी, लेकिन दो वक्ताओं ने भारत का समर्थन किया जिसके बाद चीन अलग-थलग पड़ गया। धन शोधन के खिलाफ एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1276 को लागू करने के लिए जरूरी कार्रवाई करे। इसे लेकर चिंता अभी भी बरकरार हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को आतंकी समूहों के बैंकिंग खाते बंद करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उसे यह भी बताना होगा कि सरकार के निर्देश पर आतंकियों के वित्तीय ढांचे को प्रतिबंधित करने के लिए क्या कदम उठाए गए ? इसके अलावा टेरर फंडिंग से जुड़ी जानकारी साझा करने और उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय संस्था के फैसले का स्वागत किया है।

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