आय से अधिक संपत्ति का मामले में वीरभद्र को पत्नी समेत मिली पेशी से छूट

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को सुनवाई के लिए व्यक्तिगत पेशी से हमेशा के लिए छूट दे दी है। कोर्ट ने दोनों को निर्देश दिया कि वे आरोप तय होने के बाद कोर्ट में पेश हों। मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
आज ही वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान ने नियमित जमानत की अर्जी दाखिल की। आनंद चौहान की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने ईडी को 15 दिसंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया। आनंद चौहान फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं। पिछले 24 नवंबर को कोर्ट ने आनंद चौहान को उनकी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दे दी थी।
वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग केस में उनके एलआईसी एजेंट आनंद चौहान वीरभद्र सिंह को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चंडीगढ़ में आनंद चौहान को पिछले साल 8 जुलाई को गिरफ्तार किया था। चौहान के खिलाफ वीरभद्र सिंह के पांच करोड़ रुपये जीवन बीमा में निवेश करवाने का आरोप है।
चौहान ने वीरभद्र सिंह से पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम कैश में लिया और अपने बैंक खाते में जमा करवा दिया। फिर उसने वीरभद्र सिंह और उनके रिश्तेदारों के नाम पर बीमा पॉलिसी खरीद कर निवेश कर दिया। बैंक खाते में मोटी रकम जमा होने के कारण वह आयकर विभाग की नजर में आ गया।