आधार की अनिवार्यता के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इनकार : सुप्रीम कोर्ट

आधार की अनिवार्यता के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इनकार : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार को अनिवार्य बनाये जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आधार को खातों और मोबाइल नंबरों से लिंक करने की अंतिम समय सीमा भी बढ़ाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया। आधार को चुनौती देने के मामले पर नवंबर के अंतिम सप्ताह में संविधान बेंच सुनवाई शुरु करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों और टेलीकॉम सेवा देनेवाली कंपनियों को निर्देश दिया कि वे आधार को लिंक करने संबंधी सूचना भेजते समय उपभोक्ताओं को परेशान नहीं करें। वे लिंक करने की अंतिम तिथि का भी उल्लेख करें। बिना समय सीमा का उल्लेख किए कोई सूचना उपभोक्ता के पास न भेजें। बैंक खातों को आधार से लिंक करने की समय सीमा 31 दिसंबर है जबकि मोबाइल नंबर को लिंक करने की आखिरी तिथि 6 फरवरी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि बैंक खातों को आधार से लिंक करने की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ाई जा सकती है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली बेंच को जब ये बताया गया कि बैंक और मोबाइल कंपनियां बड़ी संख्या में आधार को लिंक करने के लिए मैसेज भेज रहे हैं जिससे उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। तब जस्टिस सिकरी ने कहा कि जजों के पास भी आधार को लिंक करने के लिए कई सारे मैसेज आ रहे हैं जिसमें अंतिम तिथि का कोई उल्लेख नहीं है। उसके बाद कोर्ट ने बैंक और मोबाइल कंपनियों को मैसेज में अंतिम तिथि का उल्लेख करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले को संविधान बेंच को भेज देना चाहिए। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि इसमें दो मसले हैं। एक सेवाओं से लिंक करने और दूसरा समय सीमा। श्याम दीवान ने कहा कि बैंक खातों से आधार को जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक संविधान बेंच इस पर कोई फैसला नहीं करता तब तक इसे बैंक खातों और मोबाइल नंबरों से जोड़ना अनिवार्य करने से केंद्र को रोका जाए।

केंद्र सरकार ने आधार और पैन कार्ड को लिंक करने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश का हवाला देते हुए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों से जोड़ने के फैसले को सही बताया। केंद्र सरकार ने एक हलफनामा भी दायर किया है जिसमें कहा गया है कि आधार के आंकड़े हैक या चुराये नहीं जा सकते हैं। केंद्र ने कहा कि सभी मोबाइल धारकों को 6 फरवरी तक अपना नंबर आधार से लिंक कराना अनिवार्य है। बैंक खातों को भी 31 मार्च तक आधार से लिंक कराना अनिवार्य है। ये आदेश तब तक नहीं बदला जा सकता है जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना संशोधित आदेश जारी न कर दे। नए खाते खोलने के लिए भी आधार की प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य है। केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि आधार नहीं होने की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है।

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