पेपर के बाद अब कैशलेस हुई ई-रजिस्ट्री

पेपर के बाद अब कैशलेस हुई ई-रजिस्ट्री
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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ने पूरे देश में कैशलेस को बढ़ावा देना का अभियान शुरू कर रखा हैं। इस अभियान को प्रदेश सरकार भी काफी बढ़ावा दे रही है। इस अभियान के तहत प्रदेश में अब एक नई व्यवस्था शुरू हो गई है। दरअसल अभी तक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था को पेपरलेस बनाने के लिए शुरू की गई ई रजिस्ट्री की व्यवस्था में भी बदलाव हो गया है और ई रजिस्ट्री का पूरा काम कैशलेस हो गया है।

जानाकारी के अनुसार इस नई व्यवस्था के तहत सब-रजिस्ट्रार पंजीयन शुल्क की राशि जमा कराने के लिए रसीद निकाल कर देंगे, जिसे सर्विस प्रोवाइडर की क्रेडिट लिमिट के माध्यम से जमा कराया जा सकेगा। राशि जमा होने के बाद सर्विस प्रोवाईडर एक भुगतान की रसीद निकाल कर ग्राहक को देंगे, जिसे सब-रजिस्ट्रार के पास जमा करवाया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही रजिस्ट्री हो सकेगी। जबकि पूर्व में नगद राशि उप-पंजीयक के पास जमा करवाकर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की जा सकती थी।

बताया जा रहा है कि इस व्यवस्था से लोगों को सुविधा मिलेगी और अब नगद राशि एकत्रित करने के लिए व्यक्ति को ज्यादा परेशान नहीं होना पडेगा। इसके साथ ही आॅनलाइन पेमेंट सिस्टम होने से विभाग को एकत्रित होने वाले राजस्व का लेखा जोखा भी आसानी से रखा जा सकेगा। यहीं नहीं पंजीयन प्रक्रिया के तहत भुगतान प्रणाली में पारदर्शिता भी आएगी।

वहीं इस फील्ड से जुडे लोगों का मानना है कि कैशलेस व्यवस्था कहीं लोगों की परेशानी न बढा दे। बताया जाता है कि जिस प्रकार से नई प्रणाली लागू करने के बाद भुगतान की प्रक्रिया तैयार की गई है, उससे ग्राहकों को पंजीयन विभाग से लेकर सर्विस प्रोवाइडर के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ेगा। यही नहीं आॅनलाइन होने वाली यह व्यवस्था सर्वर डाउन होने के चलते ग्राहकों को घंटों इंतजार कराने पर भी मजबूर कर चुकी है। जानकारों का कहना है कि ई-पंजीयन के लिए अपनाई जा रही आॅनलाईन व्यवस्था में पहले भी कई बार सर्वर डाउन होने की शिकायतें मिलती रहीं हैं।

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