ग्वालियर और दतिया के रेलवे ओवर ब्रिज सड़क से उठकर हवा में पहुंचे

ग्वालियर और दतिया के रेलवे ओवर ब्रिज सड़क से उठकर हवा में पहुंचे
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-रेलवे की प्रक्रिया अभी भी अधूरी, अभी तक शुरू नहीं हुआ निर्माण कार्य
ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल संभाग में ग्वालियर के पड़ाव व दतिया स्टेशन स्थित नए रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य 70 फीसदी पूरा हो गया है, और अब यह दोनों ब्रिज सड़क से उठकर पूरी तरह हवा में लटके हुए हैं। ब्रिज के ऊपर रेलवे ट्रैक के ऊपर का हिस्से का निर्माण रेलवे कराएगा, इसके लिए इलाहाबाद जोनल मुख्यालय द्वारा टेंडर व ड्राइंग की औपचारिकता पिछले छह महीने से की जा रही है। पड़ाव आरओबी निर्माण का लक्ष्य मार्च 2017 रखा गया है। पहले काम की गति देखते हुए इन दोनों ब्रिज पर दीपावली तक यातायात शुरू होने की उम्मीद थी लेकिन रेलवे की धीमी प्रक्रिया के चलते संदेह बना हुआ है।

शहर का पड़ाव स्थित रेलवे ओवर ब्रिज सड़क से उठकर पूरी तरह हवा में लटका हुआ है। हवा में पहुंच कर पुल के ऊपरी हिस्से का 80 मीटर का निर्माण रेलवे को कराना है और रेलवे की कागजी प्रक्रिया भी बीते छह माह से हवा में है। रेलवे के अधिकारी फाइल टेंडर प्रक्रिया में ही होने की बात कर रहे हैं। यह फाइल छह माह में टेंडर जारी होने की स्थिति में नहीं आ पा रही है। उधर पुल के निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से पड़ाव पुल पर सुबह से शाम तक धूल के गुब्बारे उड़ते नजर आ रहे हैं। जिसके चलते वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अभी तक रेलवे न तो दतिया के ओवरब्रिज को पूरा करने में रूचि ले रहा है, और न ही ग्वालियर के।

इनका कहना है

मानसिंह प्रतिमा से सोफा गैलरी तक निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज का लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के हिस्से का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। शेष बीच के हिस्से को रेलवे को पूरा करना है। रेलवे का काम पूरा होते ही अधिकतम 10 दिन में हम इस पुल पर यातायात शुरू करा देंगे।’

मोहर सिंह जादौन
कार्यपालन यंत्री
लोक निर्माण विभाग (सेतु संभाग) ग्वालियर

मई में रेलवे ने मांगे 37 करोड़ रूपए

पुल निर्माण के लिए मई में रेलवे ने पत्र लिखकर राज्य शासन से 37 करोड़ रुपए मांगे थे जबकि पुल के ऊपरी हिस्से के निर्माण की लागत लगभग 14 से 18 करोड़ के बीच आना है। पुल की कुल लागत 49 करोड़ है। वहीं दतिया रेलवे स्टेशन पर बन रहा रेलवे ब्रिज भी हवा में लटका है। दतिया ब्रिज में 18 करोड़ रुपए खर्च कर पीडब्ल्यूडी ने अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। रेलवे ने टेंडर तो कर दिए लेकिन छह माह में भी ब्रिज के ऊपरी हिस्से की अभी तक ड्राइंग भी तैयार नहीं की है।

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