ब्रह्मोस के सामने कहां हैं चीन और पाकिस्तान!

ब्रह्मोस के सामने कहां हैं चीन और पाकिस्तान!
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नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' का सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम से तैयार हुई इस मिसाइल का जल और थल से पहले ही सफल परीक्षण किया जा चुका था, अब इसे वायु में भी सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया। इस तरह यह तय हो गया है कि ब्रह्मोस जल, थल और वायु से छोड़ी जा सकने वाली मिसाइल बन गई है। इस क्षमता को ट्रायड कहा जाता है।

ट्रायड की विश्वसनीय क्षमता इससे पहले सिर्फ अमरीका, रूस और सीमित रूप से फ्रांस के पास मौजूद है। ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल माना जा रहा है, जिसकी रफ्तार 2.8 मैक (ध्वनि की रफ्तार के बराबर) है।

इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है और ये 300 किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री ले जा सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि ब्रह्मोस जैसी क्षमता वाली मिसाइल भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के पास नहीं है।
चीन की डॉगफेंग मिसाइल

डॉगफेंग - अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 10,000 किलोमीटर तक मार कर सकता है। इसके अलावा मध्यम दूरी की मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-21डी भी है। इसे 'कैरियर किलर' भी कहते हैं। इस सूची में डीएफ-26 और डीएफ-16 बैलिस्टिक मिसाइल भी हैं। इसके साथ ही चीन की सेना में लंबी दूरी वाली एक ऐसी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल को अगले साल शामिल करने का दावा किया है जो कई परमाणु हथियारों को एक साथ ले जाने में सक्षम होगी। यह नई मिसाइल डॉगफेंग-41 की गति मैक 10 से भी ज्यादा होने का दावा किया गया है। यह दुश्मनों की मिसाइल चेतावनी और रक्षा प्रणाली में भी सेंध मारने में सक्षम है। जून 2017 में चीन के एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कोपोर्रेशन (सीएएससी) ने बताया था कि चीन ने हाइपरसोनिक रैमजेट इंजन युक्त मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। 'हाइपरसोनिक' होने का मतलब है इंजन की गति 6,200 किमी प्रति घंटा से अधिक होनी चाहिए। इस मिसाइल में लगने वाले रैमजेट इंजन में सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। रैमजेट इंजन की मदद से मिसाइल की क्षमता तीन गुना तक बढ़ाई जा सकती है। अगर किसी मिसाइल की क्षमता 100 किमी दूरी तक है तो उसे रैमजेट इंजन की मदद से 320 किमी तक किया जा सकता है। लेकिन चीन के पास अभी तक ऐसी मिसाइल नहीं है जिसे जमीन, समुद्र और आसमान तीनों जगहों से दागा जा सके।

पाकिस्तान की ‘बाबर मिसाइल’

पाकिस्तान ने जनवरी 2017 में बाबर-3 मिसाइल का परीक्षण किया था। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि उन्होंने पनडुब्बी से छोड़ी जा सकने वाली अपनी पहली क्रूज मिसाइल बाबर-3 का सफल परीक्षण किया है। इससे पहले पाकिस्तान के पास समुद्र से मार कर सकने वाली परमाणु क्षमता वाली मिसाइल नहीं थी। हालांकि बाबर-3 मात्र 450 किलोमीटर तक ही मार कर सकती है।

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