राष्ट्रपति ने कहा - सशस्त्र बलों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है चिकित्सा सेवाएं
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य औषधि समिति (आईसीएमएम) की 42वीं विश्व कांग्रेस के समापन समारोह को शुक्रवार को यहां संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा सेवाएं सशस्त्र बलों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का सैनिक उस देश का अत्यंत मूल्यवान और विशिष्ट नागरिक होता है। वह हर तरह के खतरे से देश को बचाने के लिए प्रतिबद्ध होता है। इसके लिए वह जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटता।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लगभग एक सदी से आईसीएमएम पूरी दुनिया में सैन्य औषधि के क्षेत्र में शानदार काम कर रहा है। अपने क्षेत्रीय और विश्व कांग्रेस के जरिये आईसीएमएम आदान-प्रदान और अर्थपूर्ण सीख के लिए एक वैश्विक मंच उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि वर्दीधारी चिकित्सा सेवा प्रदाता अत्यंत कठिन हालात में भी सैन्य औषधि, मानवीय सहायता, आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रहे है। सैन्य सेवा सेना के लिए एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा न केवल सशस्त्र सेनाओं को शानदार चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है, बल्कि शांति और युद्ध काल में पूरे राष्ट्र की सेवा करता है। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा रोकथाम, उपचार और पुनर्वास के कामों में लगा है तथा सेवारत सैनिकों और उनके परिजनों के साथ पूर्व सैनिकों को भी चिकित्सा सेवा प्रदान करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सशस्त्र बलों की बहादुर महिलाओं के हवाले से कहना चाहता हूं कि वर्दी में सुसज्जित महिलाएं हर तरह की भूमिका के लिए सशस्त्र बलों का महत्वपूर्ण अंग हैं। अब अधिक से अधिक देश महिलाओं को बड़ी से बड़ी जिम्मेदारियां देने के लिए आगे आ रहे हैं। भारत में भी महिलाएं सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश की सेवा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं भारतीय सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा में मेडिकल, डेन्टल और नर्सिंग अधिकारियों के तौर पर स्वतंत्रता के बाद से ही हिस्सा लेती रही हैं। उन्होंने अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में भी शानदार काम किया है।
सम्मेलन में 74 सदस्य देशों ने हिस्सा लिया। इसमें आपातकालीन औषधि, पर्यावरण संबंधी औषधि, जीवन शैली से संबंधित रोगों, महामारी फैलने की स्थिति का मुकाबला करने संबंधी विषयों पर चर्चा की गई।