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जन्मभूमि न्यास ही करेगा राम मंदिर का निर्माण- विहिप

जन्मभूमि न्यास ही करेगा राम मंदिर का निर्माण- विहिप
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नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद् ने आज यह साफ तौर पर कहा कि अगले साल से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह मंदिर श्रीराम जन्मभूमि न्यास की देखरेख में ही निर्मित होगा, जिसने मंदिर आंदोलन को निर्णायक दौर में पहुंचाया। इसके साथ ही यह भी निश्चित है कि मंदिर न केवल उसी स्थान पर बनेगा बल्कि उसी प्रारूप के अनुसार बनेगा, 1986 में जिसे लेकर हम घर-घर तक गए थे। यह बात बुधवार को विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने कही। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस संबंध में आगामी 24 से 26 नवम्बर तक उडुपि में धर्म संसद का आयोजन होने जा रहा है । इस धर्म संसद में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।

विहिप ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि अयोध्या में उसी स्थान पर मंदिर बनेगा जहां रामलला विराजमान हैं । अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के भीतर कोई मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी। और बाबर के नाम पर देश भर में कहीं भी मस्जिद स्वीकार नहीं की जाएगी। उडुपि में आयोजित धर्म संसद का महत्व बताते हुए सुरेन्द्र जैन ने कहा कि उडुपि मठ के प्रमुख स्वामी विश्वेश तीर्थ जी के निमंत्रण पर यह धर्म संसद वहां आयोजित की जा रही है। उडुपि में ही आयोजित धर्म संसद में संतों ने समरसता का मंत्र गुंजाने और छुआछूत को समाप्त करने का आह्वान किया था। उसका व्यापक प्रभाव हुआ है। वहां जो राम मंदिर के विषय में निर्णय होगा, वह अवश्य चरितार्थ होगा।

अयोध्या विवाद के समाधान के लिए जारी प्रयासों पर सुरेन्द्र जैन ने कहा कि इसमें कोई हर्ज नहीं। आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर के प्रयासों पर उन्होंने कहा कि वे हमारे लिए सम्मानीय हैं। वे जानते नहीं थे कि मुस्लिमों का कथित नेतृत्वकर्ता एक वर्ग अडियल रुख अपनाए हुए है। इसलिए या तो न्यायालय का निर्णय जल्द से जल्द आए या फिर संसद कोई कानून बनाए, जो भी हो मंदिर निर्माण पर स्थिति साफ होनी चाहिए। सुरेन्द्र जैन ने केन्द्र सरकार में बैठे लोगों के बारे में यह भी कहा कि वे हमसे कम रामभक्त नहीं हैं।

गोरक्षकों को बदनाम न करें

विहिप के संयुक्त महामंत्री ने कहा कि पिछले दिनों कुछ लोग ने छद्म सेकुलरवाद से प्रभावित होकर कहा था कि कुछ लोग गोरक्षा के नाम पर उत्पात मचा रहे हैं। हम तब भी उस बयान से सहमत नहीं थे, आज भी कहते हैं कि गोवंश और गोरक्षकों को ही निशाना बनाया जा रहा है। गो-तस्करों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वे रोके जाने पर बीएसएफ के जवानों पर भी हमला बोल रहे हैं। गोरक्षा के संबंध में भी उडुपि की धर्म संसद में प्रस्ताव पारित होने की संभावना है।

हिन्दू महापुरूषों का अपमान बर्दास्त नहीं

पद्मिनी फिल्म पर जारी विवाद पर बोलते हुए सुरेन्द्र जैन ने कहा कि अगर निर्माता को लगता है कि उसमें कुछ भी गलत नहीं है तो वे आंदोलित समाज के प्रतिनिधियों के लिए फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन करें। विहिप नेता ने कहा कि प्रायः देखा जाता है कि फिल्म निर्माता व निर्देशक हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली फिल्म बनाने में हिचकिचाते नहीं हैं। पर अब इसे और बर्दास्त नहीं किया जाएगा। पद्मिनी का विरोध इसी का प्रकटीकरण है। इस संबंध में उन्होंने मुंबई जाकर फिल्म निर्माता संघ से जुड़े लोगों से मिलने की बात भी कही।

Updated : 22 Nov 2017 12:00 AM GMT
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