पटना सिविल कोर्ट में भ्रष्टाचार के मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री ने दिए जांच के आदेश

पटना सिविल कोर्ट में भ्रष्टाचार के मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री ने दिए जांच के आदेश
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पटना। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के पटना सिविल कोर्ट में रिश्वत से जुड़े मामले की जांच का आदेश देते हुए पूरे मामले को पटना उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाने को कहाl

एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में पटना सिविल कोर्ट के कुछ कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए दिखाए जाने के मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है और उन्होंने तत्काल अपने विभाग को भी इस मामले की जानकारी इकट्ठा कर पटना उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में किसी भी स्तर पर किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही होगी।

इस बीच बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि रिश्वत और भ्रष्टाचार के इस मामले को अवश्य कोर्ट और सरकार के सामने कार्यवाही के लिए उठाएंगे।

बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजीत सहगल ने कहा कि विभिन्न खेलों से न्यायलय में पेशी के लिए कैदियों को लाया जाता है और उन्हें कोर्ट में बने हाजत में रखा जाता है । ऐसी स्थिति में इस तरह का भ्रष्टाचार एक गंभीर मुद्दा है और ऐसे मामलों में पुलिस सख्त से सख्त कार्यवाही करें इसकी कोशिश की जाएगी।

इधर पटना व्यवहार न्यायालय में कुछ अधिवक्ताओं ने भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने रिश्वतखोरी से जुड़े ऐसे मामलों के बारे में जिला जज को पहले भी लिख कर कार्यवाही करने की मांग की थी किंतु शिथिलता के कारण अभी तक किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुई। अधिवक्ताओं ने बताया कि इस जेलों में जाने के लिए भी पैसे देने होते हैं अन्यथा उनके मुवक्किलों को इधर-उधर की जेलों में भेज दिया जाता है।

परिवार न्यायालय के बाहर एक वृद्ध मुवक्किल ने बताया कि उन का मामला पिछले 6 सालों से परिवार न्यायालय में चल रहा है और तारीख है लेने के लिए भी उन्हें पैसे देने पड़ते हैं। एक अन्य वृद्ध मुवक्किल ने बताया कि तारीख हो या किसी तरह के रिकॉर्ड को देखना हो तो उन्हें व्यवहार न्यायालय में पेश कारों को तथा अन्य कर्मचारियों को पैसे देकर ही यह काम करवाना होता है।

उल्लेखनीय है कि इस मामले के उजागर होने के बाद पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन ने जिला जज को तत्काल पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया है। जिला जज ने फिलहाल इस सिलसिले में व्यवहार न्यायालय के उत्पाद विभाग के विशेष अदालत के 4 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

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