इंजेक्शन रिएक्शन होने के बाद भी नहीं थम रही लापरवाही

इंजेक्शन रिएक्शन होने के बाद भी नहीं थम रही लापरवाही
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-मामला जयारोग्य चिकित्सालय का, नर्सिंग छात्र लगा रहे हैं इंजेक्शन

ग्वालियर। कमलाराजा चिकित्सालय में प्रबंधन की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आने के बाद भी जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन इससे कोई सीख नहीं ले रहा है। कमलाराजा चिकित्सालय के पोस्ट आॅपरेटिव वार्ड में भर्ती 50 महिलाओं को इंजेक्शन रिएक्शन करने का मामला अभी विगत दिवस ही सामने आया है, जिसकी अभी जांच भी पूरी नहीं हो सकी और अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सकों की एक और लापरवाही उजागर हुई है। जिसमें अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों की जान के साथ इन दिनों खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल में प्रशिक्षण के लिए पहुंच रहे नर्सिंग छात्र-छात्राओं से चिकित्सक इंजेक्शन व कैनुला सहित ड्रिप तक लगवा रहे हैं। जयारोग्य चिकित्सालय में निजी नर्सिंग महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं नर्सिंग की बारीकियां सीखने के लिए पहुंचते हैं। जिन्हें वार्ड में पदस्थ ड्यूटी सिस्टर अपनी उपस्थिति में सिर्फ प्रशिक्षण दे सकती हैं। लेकिन अस्पताल में रात के समय ड्यूटी पर कोई भी नर्सिंग स्टॉफ मौजूद नहीं रहता और नर्सिंग छात्र मरीजों को इंजेक्शन लगाने के साथ ही कैनुला भी डाल रहे हैं। अनुभवहीनता के कारण मरीजों की नस का सही आकलन नहीं होने पर मरीजों को कष्ट भी झेलना पड़ता है। जबकि यह सब अस्पताल प्रबंधन की नाक के नीचे ही चल रहा है। यह स्थिति तब है जब कमलाराजा चिकित्सालय के पोस्ट आॅपरेटिव वार्ड में भर्ती महिलाओं को एम्पीसिलीन इंजेक्शन लगने से रिएक्शन हुआ था, जिसको लेकर भोपाल तक हड़कम्प भी मचा। फिर भी अस्पताल प्रबंधन की आंखे खुलने का नाम नहीं ले रही हैं।

पहला नहीं है मामला

जयारोग्य चिकित्सालय में सफेद एप्रिन पहने नर्सिंग छात्र-छात्राओं द्वारा मरीजों को इंजेक्शन व ड्रिप लगाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सर्जरी, बर्न यूनिट ,ट्रॉमा सेन्टर, कमलाराजा अस्पताल सहित अन्य विभागों में कई बार नर्सिंग छात्रों द्वारा मरीजों को इंजेक्शन व ड्रिप लगाते हुए पकड़ा गया है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं कर सका।

महज 15 से 25 दिनों के प्रशिक्षण में लगाते हैं इंजेक्शन:- अस्पताल में नर्सिंग का प्रशिक्षण लेने पहुंचने वाले छात्र महज 15 से 25 दिनों के प्रशिक्षण में ही मरीजों को इंजेक्शन लगाना शुरू कर देते है।

इनका कहना है

अगर इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. घनश्याम दास
प्रभारी अधीक्षक, जयारोग्य

कई चिकित्सक नहीं पहुंचते शाम को राउण्ड पर

जयारोग्य चिकित्सालय में शाम के समय कई चिकित्सक राउण्ड पर नहीं पहुंचते हैं। चिकित्सकों के राउण्ड पर न पहुंचने पर प्रशिक्षु छात्रों को मरीजों को देखने से लेकर इंजेक्शन व ड्रिप लगाने तक की छूट मिल जाती है। जिस कारण कई बार मरीजों को गलत इंजेक्शन तक लग जाते हैं। अगर विभागाध्यक्ष प्रतिदिन समय पर राउण्ड लेने पहुंचें तो काफी हद तक अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार हो सकता है।

विभागाध्यक्ष भी नहीं करते मॉनीटरिंग

इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि अस्पताल में कई विभागाध्यक्ष ऐसे भी हैं, जिन्हें विभाग की व्यवस्थाओं से कोई मतलब नहीं होता। अस्पताल में अगर विभागाध्यक्ष अपने विभाग में पदस्थ जूनियर चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ सहित अन्य स्टॉफ की मॉनीटरिंग अगर ठीक से करें तो अस्पताल में यह स्थिति निर्मित नहीं होगी। लेकिन कुछ विभागाध्यक्ष तो ऐसे हैं जो राउण्ड के समय अपनी निजी क्लीनिकों पर मरीजों को देखते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई विभागाध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सक ऐसे भी हैं जो अपनी यूनिट में भर्ती मरीज की कैस शीट अपनी निजी क्लीनिक पर जूनियर चिकित्सकों से मंगवा कर उपचार लिख देते हंै।

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