आधुनिक तकनीक की खेती अपनाएं: तोमर

आधुनिक तकनीक की खेती अपनाएं: तोमर
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2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लिया संकल्प

ग्वालियर/ विशेष प्रतिनिधि। ग्वालियर जिले के डबरा और भितरवार विकास खंड में आयोजित कृषि संगोष्ठी में केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आज परंपरागत खेती को छोड़कर हमें आधुनिक तकनीक को अपनाना होगा। इसके लिए जैविक खेती से अच्छा काम दूसरा नहीं हो सकता, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2022 तक खेती से आय को दोगुना करके दिखाना चाहते हैं। दोनों ही गोष्ठियों में बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लेकर कृषि विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा बताई तकनीक को नजदीक से जाना। श्री तोमर ने कहा कि हमें सिर्फ खेती ही नहीं बल्कि समग्र खेती को अपनाना होगा, जिसमें गाजर, मूली, गेहूं, धान आदि पैदा कर आय को काफी बढ़ाया जा सकता है यदि गेहूं का समर्थन मूल्य 1500 रुपए हैं तो जैविक खेती से उत्पन्न गेहूं के दाम 4500 रुपए तक मिल सकते हैं।

शनिवार को डबरा के सामुदायिक भवन एवं भितरवार के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित हुई कृषक संगोष्ठियो में किसानों को फसल बीमा भुगतान के प्रमाण पत्र सरसों की मिनी किट व ऋण पुस्तिकायें भी वितरित की गईं। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री व प्रभारी मंत्री ने डबरा व भितरवार में 36-36 लाख रूपए की लागत से बनाई गईं मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का लोकार्पण भी किया।

इन संगोष्ठियों में विधायक भारत सिंह कुशवाह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मनीषा भुजवल सिंह यादव, कृषि उपज मंडी डबरा के अध्यक्ष मुकेश गौतम, भितरवार मंडी के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह रावत, जनपद पंचायत डबरा की अध्यक्ष सीमा परिहार व जनपद पंचायत भितरवार की अध्यक्ष अनीता सिंह, नगर पालिका डबरा की अध्यक्ष आरती मौर्य, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र जैन, कप्तान सिंह सहसारी, वीरेन्द्र सिंह पचौरा, अशोक पटसारिया व अन्य जनप्रतिनिधिगण मंचासीन थे। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र की संगोष्ठी में डबरा एसडीएम श्रीमती शीतला पटले व भितरवार एसडीएम इकबाल मोहम्मद, साडा के सीईओ तरूण भटनागर व उपसंचालक कृषि डॉ. आनंद बड़ोनिया सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। श्री तोमर ने प्रकृति चक्र की तरह फसल चक्र में बदलाव लाने पर जोर दिया। और कहा कि हमने पेड़ काटे हैं तो प्रकृति भी हमें सजा दे रही हैं जिससे पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि धनतेरस पर 2714 लोगों को आवास मिले हैं। उन्होंने बताया कि अकेले ग्वालियर जिले में ही लगभग 6 हजार मकान बनाये जायेंगे।

भितरवार से भोपाल तक बनेगी सड़क

केन्द्रीय मंत्री ने डबरा एवं भितरवार क्षेत्र में बिछाए जा रहे सड़कों के जाल का भी जिक्र किया। इनमें भितरवार, करैरा, चीनौर, छीमक रोड, चीनौर-करहिया मार्ग और लखेश्वरी माता मंदिर रोड शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब डबरा से भितरवार मात्र 20 मिनट में पहुंचा जा सकता है इसी तरह भितरवार से भोपाल तक की सौगात भी शीघ्र मिलेगी। मकौड़ा छीमक धूमेश्वर तक 85 करोड़ में नई सड़क बनने जा रही है।

आप मालिक, हम आपके चौकीदार

प्रभारी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कृषक संगोष्ठियो को संबोधित करते हुए कहा कि आप तो हमारे मालिक हो हमतो आपकी सेवा में मुनीम और चौकीदारी के लिए तैनात हैं। किसान मंडियों में निश्चिंत होकर खुली प्रतिस्पर्धा में अपनी उपज बेचें। जिस उपज के दाम मॉडल मूल्य से कम होंगे, उस अंतर का भुगतान सरकार भावान्तर भुगतान योजना के तहत करेगी। श्री बिसेन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गेहूँ, धान, ज्वार व बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जायेगी। शेष फसलों को भावान्तर भुगतान योजना के दायरे में लाया गया है।

चौपाल में लिया हिस्सा

अतिथि द्वय ने झाड़ौली गांव में आयोजित चौपाल में हिस्सा लिया इस गांव के किसानों की दो मांगे थी टैंकर से पानी और सामुदायिक भवन बनाने की, जिसे श्री तोमर ने वादा पूरा कर कर दिखाने की बात कही, तो उनका जोरदार स्वागत हुआ।

भितरवार में अभिभाषक कक्ष का लोकार्पण

15 लाख की सांसद निधि से भितरवार में अभिभाषक संघ के कक्ष का लोकार्पण श्री तोमर एवं श्री बिसेन ने किया। कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा, सचिव रमेश दुबे के अलावा बार काउंसिल के सदस्य जयप्रकाश मिश्रा, प्रबल प्रताप सिंह सोलंकी एवं अंकुर मोदी उपस्थित थे।

23 सामुदायिक भवन बनेंगे

ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के विभिन्न विधानसभाओं के 23 गाँवों में सामुदायिक केन्द्र भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा ग्वालियरए डबरा क्षेत्र की विद्युत समस्या के स्थायी समाधान के लिये जल्द ही नए विद्युत उपकेन्द्र स्थापित कराए जायेंगे। उन्होंने भितरवार में 132 केवीए का सब स्टेशन बनाने की बात कही।

जनता से आंखें नहीं चुराता

श्री तोमर ने कहा कि मैं जनता से आंखे चुराकर राजनीति नहीं करता एक मुख्यमंत्री ने बिजली फ्री में देने की बात की थी तो वे बिजली ही नहीं दे पाए इसलिए मैं बिजली फ्री देने की बात नहीं कर सकता क्योंकि बिजली बनाने में पैसा खर्च होता है।

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