बिलौआ सीएमओ की पदोन्नति फर्जी

बिलौआ सीएमओ की पदोन्नति फर्जी
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-न्यायालय और शासनादेश पर भारी गबन के आरोपी की जुगाड़

ग्वालियर।
नगर परिषद बिलौआ के अध्यक्ष के साथ मिलकर धड़ल्ले से अवैध वसूली करा रहे नगर परिषद बिलौआ के मुख्य नगर पालिक अधिकारी महेश दीक्षित फर्जी तरीके से पदोन्नति पाकर कुर्सी पर डटे हैं। शासन अनियमित तरीके से हुई पदोन्नतियों को तत्काल निरस्त करने का आदेश दे चुका है। लेकिन शासन का यह आदेश वरिष्ठ अधिकारियों की फाइलों में दबा पड़ा है। बिलौआ में सीएमओ की कुर्सी पर जमे बैठे महेश प्रसाद दीक्षित की नियुक्ति 19 जून 1987 को नगर परिषद फूप जिला भिण्ड में उच्च श्रेणी लिपिक पद पर हुई थी। तत्कालीन प्रशासक ने श्री दीक्षित को 1 दिसम्बर 1990 को उच्च श्रेणी लिपिक पद पर स्थाई किया। 30 जून 1993 को दीक्षित का स्थानांतरण उच्च श्रेणी लिपिक पद पर ही नगर परिषद अम्बाह जिला मुरैना हुआ। शासनादेश पर संकल्प पत्र 11555 दिनांक 1.10.1993 के पालन में नगर परिषद अम्बाह ने 7 अक्टूबर 1993 को श्री दीक्षित को पदोन्नत कर नियुक्ति लेखापाल पद पर कर दी। प्रशासन संकल्प क्र. 14.10.1994 से लेखापाल पद पर नियुक्ति दिनांक से उन्हें स्थाई कर दिया गया। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 (1), (2) के अनुसार एक नगर पालिका परिषद से दूसरी नगर पालिका परिषद में कर्मचारी का स्थानांतरण कर सकती है, किन्तु आमेलन के निर्दिष्ट नहीं कर सकती। महेश प्रसाद दीक्षित की प्रथम नियुक्ति उच्च श्रेणी लिपिक के पद पर नगर परिषद फूप जिला भिण्ड में होने से उनका धारणाधिकार नगर परिषद फूप जिला भिण्ड होगा। उनका स्थानांतरण नगर परिषद फूप जिला भिण्ड से नगर परिषद अम्बाह जिला मुरैना में उच्च श्रेणी लिपिक पद पर हुआ था। नगर परिषद अम्बाह में पदस्थ रहते हुए जिला चयन समिति नगरीय प्रशाासन ग्वालियर ने महेश दीक्षित को उच्च श्रेणी लिपिक से लेखापाल के पद पर नियम विरुद्ध पदोन्नत कर दिया। शासन के निर्देश एवं म.प्र. नगर पालिका अधिनियम के अनुसार महेश दीक्षित की नियुक्ति पदोन्नति धारणाधिकार के विरुद्ध हुई है जो वैधानिक नहीं है।

शासन कर चुका है पदोन्नति निरस्त करने का आदेश

यचिका क्रं. 1112/99 डूगर सिंह राजपूत विरुद्ध म.प्र.शासन एवं अन्य के परिपालन में संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के उप संचालक ने पत्र क्रं. 15/591/99/एक/26614 दिनांक 15 दिसम्बर 2010 जारी कर राजस्व निरीक्षक के पद पर हुई नियुक्तियों को अमान्य किया था। इसी प्रकार 31 दिसम्बर 2010 को संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के तत्कालीन आयुक्त एस.एन.मिश्रा द्वारा जारी पत्र क्रं. एम/वि.स./10/17710 के माध्यम से नियम विरुद्ध हुर्इं पदोन्नतियों को तत्काल निरस्त करने का आदेश दिया था। प्रदेश के समस्त संभागीय उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को जारी इस आदेश में यह निर्देशित किया गया था कि पदोन्नतियों को निरस्त किए जाने संबंधी कार्रवाई तुरंत कर इससे शासन एवं संचनालय को तत्काल अवगत कराया जाए। लेकिन आज भी यह दोनों आदेश उप संचालक कार्यालय की फाइलों में दबे पड़े हैं और फर्जी तरीके से पदोन्नति पाने वाले लिपिक सीएमओ जैसे प्रमुख पदों पर बैठकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।

हर काम में कमीशन, धड़ल्ले से अवैध वसूली

नगर परिषद बिलौआ के अध्यक्ष सुनील चौरसिया और सीएमओ महेश दीक्षित द्वारा अस्थाई दखल कर के नाम पर अकेले खनिज वाहनों से अवैध वसूली नहीं कराई जा रही बल्कि बिलौआ के बाजार में सब्जी-भाजी बेचने आने वाले गरीबों से मिलने वाले पांच रुपये के शुल्क में भी लगातार घोटाला किया जा रहा है। प्रतिदिन एक सैकड़ा से अधिक ठेले और डलिया वाले यहां सब्जी बेचने पहुंचते हैं। वहीं गुरुवार को हाट में करीब तीन सैकड़ा से अधिक ठेले और डलिया विक्रेता पहुंचते हैं। प्रत्येक से 5 रुपये वसूले जाते हैं, अस्थाई दखलकर के नाम पर परिषद के कर्मचारियों के स्थान पर अध्यक्ष के लोगों द्वारा बिना पर्ची दिए अवैध वसूली कराई जा रही है। इसी प्रकार निर्माण कार्यों में भारी कमीशनखोरी के चलते हुए घोटालों और घटिया निर्माण कार्यों की शिकायत भी स्थानीय नागरिकों ने शासन व प्रशासन से की है।

भाजपा नेता ने की शिकायत

नगर परिषद बिलौआ में सीएमओ की कुर्सी पर वर्ष 2015 से जमे बैठे महेश प्रसाद दीक्षित की फर्जी तरीके से हुई पदोन्नति और न्यायालय के आदेश पर जारी शासनादेश पर भी उनकी पदोन्नति निरस्त नहीं किए जाने की शिकायत भारतीय जनता पार्टी के बिलौआ मण्डल अध्यक्ष कालीचरण शर्मा ने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यु) एवं लोकायुक्त सहित प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, आयुक्त नगरीय प्रशासन, महानिदेशक ईओडब्ल्यु, पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यु, पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त एवं संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ग्वालियर से की है।

इनका कहना है

‘बिलौआ नगर परिषद में हुए 22 लाख रुपये के गबन के मामले में सीएमओ सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है। इस मामले में कार्रवाई जारी है। सीएमओ की फर्जी पदोन्नति एवं पदोन्नतियों को निरस्त किए जाने संबंधी शासन के आदेश मेरे संज्ञान में नहीं हैं। इस तरह के पत्र संज्ञान में आते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।’

हिमांशु सिंह
संयुक्त संचालक
नगरीय प्रशाासन एवं विकास विभाग ग्वालियर

उस समय शासन को जरूरत थी इस कारण शासन ने नियम विरुद्ध प्रमोशन किए थे। अब इस बात को उठाने का कोई मतलब नहीं है। आप भी इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं। छोड़ो इस मामले को (फोन काट दिया)।

महेश दीक्षित
(लेखापाल) सीएमओ बिलौआ

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