भ्रामक विज्ञापन पर लगाम लगाने के अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नया कानून जल्द आएगा
नई दिल्ली। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में नया उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पेश किया जा सकता है। नये कानून में भ्रामक विज्ञापन पर लगाम लगाने के अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों को भी इसके दायरे में लाए जाने की संभावना है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि संभवत: संसद के आगामी सत्र में इस विधेयक को पेश किया जा सकता है। इससे पूर्व पासवान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते गुरुवार को यहां नये बाजार में उपभोक्ताओं के सशक्तिकरण विषय पर पूर्व, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा था कि जनता के हितों के लिए सरकार नया उपभोक्ता संरक्षण कानून तैयार कर रही है।
पासवान ने कहा कि ई कॉमर्स कंपनियां भी इसके दायरे में आएंगी। इसमें उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शिकायत के अलावा अपने गृह नगर में भी केस दर्ज कराने की आजादी होगी। असल में अभी उपभोक्ताओं को उसी स्थान पर उक्त कंपनी पर शिकायत कर सकता है जहां उत्पाद का भुगतान हुआ है।
रामविलास ने कहा कि देश की जरूरतों और वर्तमान व्यापारिक तौर-तरीकों को ध्यान में रखते हुए एक नया उपभोक्ता संरक्षण कानून बनाया जा रहा है। इसमें उपभोक्ता सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है और भ्रामक विज्ञापनों पर इसकी गाइडलाइन और कड़ी होगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता की परेशानी कम समय में ही नहीं बल्कि कम खर्च में दूर हो इसके लिए नियम सरल किए जा रहे हैं।
पासवान ने पूर्वी, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के लिए नई बाजार व्यवस्था में उपभोक्ताओं का सशक्तिकरण विषय पर संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के विषय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि सम्मेलन में उपभोक्ता संरक्षण के बारे में संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों को लागू करने के विषय पर चर्चा हुई जिससे कि सभी देशों में इस संबंध में बेहतर प्रयास किये जा सकें और 2030 तक सतत विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। उन्होंने बताया कि इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रत्येक दो वर्षों में इस प्रकार के क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करने पर विचार किया जाएगा।