कमीशन के चक्कर में मरीजों से लूट, बाहर से मंगा रहे इम्पलांट

ग्वालियर, न.सं.। शासकीय अस्पतालों में पहुंच रहे मरीजों को जहां एक ओर उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों की कमीशन खोरी मरीजों का खून चूस रही हैं। अस्पतालों में भर्ती हो रहे अधिकतर मरीज चिकित्सकों के निजी पर्चे पर ही भर्ती हो रहे हैं, इतना ही नहीं शासकीय अस्पतालों में भर्ती होने के बाद भी मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रहीं हैं। मुरार स्थित जिला अस्पताल इन दिनों उगाई का अड्डा बनता जा रहा है। स्थिति यह है कि अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे गरीब मरीजों से आॅपरेशन और सर्जिकल सामान के नाम पर खुलेआम पैसे लिए जा रहे हैं, जबकि गरीब मरीजों को शासन द्वारा आॅपरेशन से लेकर दवा तक नि:शुल्क उपचार दिया जाता है।
जिला अस्पताल के आर्थोपेडिक विभाग में हडड्ी के जो मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, उनके आॅपरेशन का पूरा सामान अस्पताल उपलब्ध कराता है, लेकिन चिकित्सक अपनी दलाली के चक्कर में मरीजों से रोड, प्लेट सहित अन्य सर्जरी का सामान बाहर से मंगाते हैं। चिकित्सकों द्वारा कुछ निजी कम्पनी के दलालों को वार्ड में भेजा जाता है, जो मरीज से सर्जिकल सामान के पैसे लेकर चिकित्सक तक सर्जिकल का सामान पहुंचा देता हैं। इतना ही नहीं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीज जब पैसे देने में असमर्थ होते हैं, तो उनके आॅपरेशन की तारीख आगे बढ़ा दी जाती है, जब तक मरीज द्वारा सर्जिकल सामान सप्लाई करने वाले व्यक्ति को पूरा पैसा नहीं मिलता है, तब तक मरीज का आॅपरेशन चिकित्सकों द्वारा नहीं किया जाता फिर चाहे मरीज की कितना भी हालत खराब क्यों नहीं हो जाए।
ऐसा नहीं है कि इस दलाली की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को न हो, इसकी पूरी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को भी है, लेकिन आर्थोपेडिक विभाग के कुछ चिकित्सक अधिकारियों के चहेते हैं। जिस कारण सिविल सर्जन से लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तक ने चुप्पी साधी हुई है।
