बंद चिड़ियाघर की चाबी केन्द्र सरकार के पास

बंद चिड़ियाघर की चाबी केन्द्र सरकार के पास
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विशेषज्ञ दल ने की खोलने की अनुशंसा, जिलाधीश को सौंपी रिपोर्ट
ग्वालियर| भोपाल से आए विशेषज्ञ दल ने चिड़ियाघर को खोलने की अनुशंसा कर दी है, लेकिन बंद चिड़ियाघर की चाबी अभी भी केन्द्र सरकार के ही पास है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही सैलानियों के लिए चिड़ियाघर का ताला खुलेगा। केन्द्र सरकार से अनुमति लेने की प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। यानि कि चिड़ियाघर की सैर करने के लिए सैलानियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

जानकारी के अनुसार राज्य रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल से आए दो सदस्यीय विशेषज्ञ दल डॉ. जे.एन. तपासे एवं डॉ. तुसार लोखण्डे ने सोमवार को पूर्वान्ह ग्यारह से दोपहर एक बजे तक गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) का निरीक्षण किया और इस बात की पुष्टि कर दी कि अब यहां बर्ड फ्लू संक्रमण नहीं है। इसके बाद विशेषज्ञ दल ने चिड़ियाघर को खोलने की अनुशंसा सहित अपनी निरीक्षण रिपोर्ट जिलाधीश डॉ. संजय गोयल को सौंप दी। इसके बाद डॉ. गोयल ने भी सोमवार को ही अनुशंसा सहित पत्र पशु चिकित्सा विभाग भोपाल के संचालक डॉ. आर.के. रोकड़े को प्रेषित कर दिया है।

अब डॉ. रोकड़े ही तय करेंगे कि चिड़ियाघर कब खुलेगा, लेकिन जानकारों की मानें तो केन्द्र सरकार की अनुमति के बिना चिड़ियाघर का खुल पाना संभव नहीं है। इस बात की पुष्टि डॉ. रोकड़े ने भी की है।

इसलिए बंद है चिड़ियाघर
चिड़ियाघर में 18 से 24 अक्टूबर के मध्य बर्ड फ्लू संक्रमण से 24 जलीय पक्षी पेंटेड स्टार्क की मौत हो गई थी। इसके चलते प्रशासन ने 24 अक्टूबर से चिड़ियाघर को बंद कर दिया था। इसके बाद केन्द्रीय पशु चिकित्सा विभाग द्वारा 12 जनवरी को म.प्र. पशु चिकित्सा विभाग को पत्र लिखकर विशेषज्ञ दल से चिड़ियाघर का निरीक्षण कराकर उसे खोलने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जब इसके बाद भी निरीक्षण के लिए विशेषज्ञ दल नहीं आया तो नगर निगम ने संचालक, पशु चिकित्सा विभाग, भोपाल को पत्र लिखकर विशेषज्ञ दल भेजने का आग्रह किया। इसके फलस्वरूप सोमवार को भोपाल से आए डॉ. तपासे एवं डॉ. लोखण्डे ने चिड़ियाघर का निरीक्षण किया।

गेंद फिर केन्द्र के पाले में
यहां उल्लेखनीय है डॉ. जे.एन. तपासे एवं डॉ. तुसार लोखण्डे ने इससे पहले 29 नवम्बर को भी चिड़ियाघर का निरीक्षण किया था और चिड़ियाघर को बर्ड फ्लू संक्रमण से मुक्त बताया था, लेकिन साथ में चड़ियाघर को खोलने के लिए केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली से स्वीकृति लेने की बात भी कही थी। इसके बाद नगर निगम ने जब प्राधिकरण को पत्र लिखकर चिड़ियाघर खोलने की स्वीकृति मांगी तो प्राधिकरण ने स्वीकृति देने की वजाय इस संबंध में केन्द्रीय पशु चिकित्सा विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांग लिया था। इसके चलते मामला ऐसा उलझ कि तीन माह से बंद चिड़ियाघर अब तक नहीं खुल पाया है। अब एक बार फिर गेंद केन्द्र शासन के पाले में जा पहुंची है।

इनका कहना है
आज हमने निरीक्षण के लिए दल भेजकर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलते ही हम पशु चिकित्सा विभाग भारत सरकार से चर्चा करेंगे। तत्पश्चात चिड़ियाघर को बर्ड फ्लू संक्रमण से मुक्त घोषित कर उसे खुलवाएंगे। इस प्रक्रिया में हम ज्यादा समय नहीं लगने देंगे। हम जल्द से जल्द चिड़ियाघर को खुलवाने का प्रयास करेंगे।

आर.के. रोकड़े, संचालक
पशु चिकित्सा विभाग, भोपाल

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