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यार्ड बना प्लेटफॉर्म, जान जोखिम में डाल रहे यात्री

यार्ड बना प्लेटफॉर्म, जान जोखिम में डाल रहे यात्री
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रेल यात्रियों की सुरक्षा दांव पर, यार्ड में ही सीटों पर कब्जा कर लेते हंै यात्री

ग्वालियर|
ग्वालियर रेलवे स्टेशन के यात्रियों की सुरक्षा दांव पर लगी है, यहां का यार्ड खुला पड़ा है। आलम यह है कि अगर यार्ड में खड़ी ट्रेन में अपराधी तत्व कुछ करतूत कर दें तो कोई बड़ी बात नहीं, कारण एक किमी लंबे यार्ड की सुरक्षा के लिए महज एक से दो आरपीएफ के जवान ही तैनात रहते हैं। जवानों की किल्लत के कारण किसी तरह सुरक्षा की जद्दोजहद की जा रही है। सबसे खतरनाक यह है कि यार्ड से होकर आम राहगीर आवागमन करते हैं, इन्हें रोक पाना भी असंभव है, इसका कारण है कि रेलवे लाइन के आस-पास हजारों की आबादी बसती है। ऐसे में अगर असामाजिक तत्व इसका लाभ उठा लें तो कोई बड़ी बात नहीं।

खड़ी रहती हैं महत्वपूर्ण ट्रेनें
ग्वालियर स्टेशन से बरौनी, इंदौर, पुणे, भोपाल इंटरसिटी, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, बीना पैसेंजर जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें खड़ी रहती हंै। यहां आने के बाद वाशिंग पिट पर उसकी साफ-सफाई की जाती है। इसके बाद यार्ड में ट्रेन को लगा दिया जाता है, जब भीड़ बढ़ती है तो आरपीएफ के लाख पाबंदी के बावजूद यात्री यार्ड में ही चढ़ जाते हैं।

ट्रेनों की आवाजाही से हो सकती है दुर्घटना:- यार्ड में इन दिनों जिस तरह से सीट पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है, इससे अगर रेल व आरपीएफ प्रशासन नहीं चेता तो कभी भी रेलवे स्टेशन पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है। क्योंकि, यार्ड से जब ट्रेन प्लेटफॉर्म के लिए चलती है तो इस दौरान भी यात्री दौड़-दौड़ कर खिड़की से चलती ट्रेन में ही चढ़ने की कोशिश करते हैं। महिलाएं व छोटे-छोटे बच्चों को भी खिड़की के रास्ते ही बोगी में प्रवेश करा रहे हैं।

यार्ड से ही गुजरते हैं कई राहगीर:- ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पास बने यार्ड से कई राहगीर गुजरते हंै। ऐसे में ये गाड़िया सिर्फ भगवान भरोसे ही खड़ी रहती हैं।

होनी चाहिए चाहरदीवारी
रेलवे के नियमानुसार यार्ड को दोनों तरफ से बंद होना चाहिए, इसकी दोनों दिशाओं में चाहरदीवारी होनी चाहिए। आज तक इस दिशा में पहल नहीं की गई है। ग्वालियर स्टेशन से आधा किलोमीटर की दूरी पर बना यार्ड पूरी तरह से खुला पड़ा हुआ है। बताया जाता है कि यार्ड बंद होने पर एक जवान भी सुरक्षा के लिए पर्याप्त है और बाहरी तत्व नजर आते ही उसे पकड़ा जा सकता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह नामुमकिन है।

इनका कहना है
ट्रेनों की सुरक्षा के लिए विशेष चौकसी बरती जाती है। अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जाता है। वाशिंग पिट पर भी जवान मुस्तैद रहते हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही कोचों से ट्रांसफार्मर चुराने वाली गैंग को आरपीएफ ने पकड़ा था। आरपीएफ के जवान सादा वर्दी में भी यार्ड में हमेशा तैनात रहते हंै।

टीके अग्निहोत्री
निरीक्षक आरपीएफ

Updated : 30 Jan 2017 12:00 AM GMT
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