दर्शन मात्र से मिल जाती है कष्टों से मुक्ति
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*भक्तों की हर मुराद पूरी करती है मां काली
*292 साल पुराना है काली माता का मंदिर
प्रशांत शर्मा/ग्वालियर| शहर में वैसे तो मां भगवती के कई प्राचीन मंदिर है लेकिन शहर के पुराना हाईकोर्ट के पास बने 292 साल पुराने काली माता के मंदिर की महिमा की अपरम्पार है। जिस प्रकार से शेरोंवाली मां की पूजा आस्था तथा विश्वास के साथ की जाती है उसी विश्वास के साथ भक्तों द्वारा काली मां की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि मां के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से आराधना करते हैं, उन्हें मां खाली हाथ नहीं जाने देती है। लोगों का मानना है कि पहले यहॉ पूजा नहीं होती थी।
मां काली की प्रतिमा 1725 में गोविंद सिंह कुशवाह द्वारा स्थापित की गयी। तब से आज तक पूजा जारी है। काली मंदिर में दुर्गा पूजा, नवरात्रि तथा दशहरा के दिन देवी की विशेष पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन आभूषणों तथा लाल फूलों की माला से माँ काली की प्रतिमा को सजाया जाता है। वर्तमान में मंदिर की सेवा मातादीन कुशवाह कर रहे हंै। यहां पर नारियल, धूप, दीप आदि चढ़ा कर पूजा की जाती है। मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु घण्टी या छत्र चढ़ाते हैं। नवरात्र में मां काली के दरबार में हर साल लोग अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं और शारदीय नवरात्र के दौरान इस सिद्ध पीठ में मां की पूजा अर्चना का विशेष फल मिलता है।
माता के दरबार में लगती है नारियल से अर्जी
काली माता के मंदिर में अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचकर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए अर्जी लगाते हैं। मंदिर के अनुसार इस मंदिर में अर्जी लगाने से मनोकामना की पूर्ति होती है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु मंदिर में नारियल के साथ अपनी मनोकामना की अर्जी लगाते हैं। वहीं श्रद्धालु बताते हैं कि जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तब वे मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
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नवरात्र के दिनों में रहती है भारी भीड़
आम दिनों की अपेक्षा मां काली के दरबार में नवरात्र में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मां काली के दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। सच्चे मन से मां की पूजा करने वाले भक्त निराश नहीं होते बल्कि मां उनकी सभी मनोकामना को पूरा करती है। इसलिए प्रति दिन यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। काली माता के मंदिर में प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। बताया जाता है कि भक्तों को जो भी कष्ट होता है उन कष्टों को काली मां दूर करती है। मंदिर में नवरात्रि के मौके पर माता की चौकी का आयोजन किया जाता है।