राजपथ पर दिखेगा स्वदेशी विमान तेजस का तेज

राजपथ पर दिखेगा स्वदेशी विमान तेजस का तेज


नई दिल्ली|
पूरी तरह से भारत में बना तेजस विमान इस बार राजपथ के उपर से उड़ान भरेगा। तेजस को लंबे इंतजार के बाद पिछले साल भारतीय वायुसेना के 45 स्क्वाड्रन (फ्लाइंग ड्रैगर) में शामिल किया गया है। तेजस एक ग्लास कॉकपिट और अत्याधुनिक उपग्रह सहायता प्राप्त नेविगेशन प्रणाली से लैस है। विमान में एक कंप्यूटर आधारित हमला करने की प्रणाली और हवा से हवा में मिसाइलों व बम सटीक दागने की क्षमता है। गणतंत्र दिवस में तेजस के अलावा एमआई -17 वी 5 हेलीकॉप्टर, एमआई -35 हेलिकॉप्टर, सी -130 जे विमान, मिग -21 बाइसन फाइटर, सी -17 और एसयू-30 भी अपनी क्षमता दिखाएंगे। वायुसेना के प्रदर्शन के आखिर में त्रिशुल गठन में एसयू-30 तेजी से गुजरेगा और उसके बाद वर्टिकल चार्ली कर आगंतुकों को समोहित कर देगा।

तेजस पहला अग्रिम फलाइ-बाय-एयर लड़ाकू विमान है। जिसका डिजाइन, विकास और निर्माण भारत में किया गया है। विमान का डिजाइन और विकास वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) के द्वारा कर दिया गया है और निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया गया है। डिजाइनर, निर्माता, तकनीशियनों और परीक्षण के चलते ही तेजस ने 3,000 उड़ानें भरी हैं और किसी भी दुर्घटना के बिना आज तक 2,000 घंटे की उड़ान भरी है। इस बार वायु सेना का नेट केंद्रित ऑपरेशन के माध्यम से हवा प्रभुत्व बनाने के वायुसेना के डिजाइन को थीम रुप में प्रदर्शित करेगा।

68 वें गणतंत्र दिवस पर वायुसेना का मार्चिंग कॉन्टिंजेंट चार अधिकारी और 144 वायुसैनिकों के साथ मार्च करेगा। इसका नेतृत्व स्कॉवर्डन लीडर अटल सिंह सिंखों करेंगे।

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