पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग रहने को मजबूर कर देंगे - पीएम

कोझिकोड। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को दो टूक संदेश दिया है कि वह उसकी हर चुनौती को स्वीकार करने के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि हम अपने 18 जवानों के बलिदान को भूलने वाले नही है। उनका बलिदान बेकार नही जाएगा और हम पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने के लिये दृढ़ संकल्प है और उसमें सफल भी रहे हैं। हम पाकिस्तान को विश्व में अकेला रहने को मजबूर करेंगे।
एक जिम्मेदार लोकतांत्रिक देश होने का परिचय देते हुए प्रधानमंत्री ने बड़ी ही संजीदगी से पाकिस्तान के हुक्मरानों और वहां की अवाम को अलग बताते हुए कहा कि हमारा पाकिस्तान की जनता से कोई दुराव नही किंतु पाकिस्तान के नेता और हुक्मरान आतंकियों के लिखे भाषण पढ़ रहे हैं। मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश के नेता, हुक्मरान कहा करते थे कि 50 साल लड़ेंगे। कारगिल के भीतर कहां गये पता नही चला। आज पाकिस्तान के हुक्मरान आतंकियों के लिखे भाषण पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मैं सीधा-सीधा पाकिस्तान की अवाम से बात करना चाहता हूं कि, आतंकियों के हुक्मरानों से दुनिया को कोई अपेक्षा नही है। पाकिस्तान की अवाम से बात करना चाहता हूं और याद दिलाना चाहता हूं कि 1947 से पहले आपके पूर्वज भी इसी मिट्टी का सम्मान करते थे, माथे लगाते थे।
पाकिस्तान की अवाम वहां के हुक्मरानों से पूछे कि पीओके तो उनके पास है जिसे वह संभाल नही पा रहे। पूर्वी बंगाल को नही संभाल पाये। गिलगित, बलूचिस्तान, सिंध को नही संभाल पा रहे। अब अपना घर भी नहीं संभाल पा रहे कश्मीर की बात क्यों कर रहे हो। पहले अपने इस घर को तो संभाल कर दिखाओ।
मोदी ने कहा कि वहां की जनता अपने हुक्मरानों से पूछे कि भारत-पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए, क्या कारण है कि भारत साफ्टवेयर निर्यात करता है और आप आतंकवादियों का निर्यात करते हो।
उन्होंने कहा कि, मैं पाकिस्तान की जनता से कहना चाहता हूं कि, आपको गुमराह करने के लिये उनकी सरकार भारत से हजार वर्षों तक लड़ने की बात करती है, हम इस चुनौती के लिये तैयार हैं। हिम्मत हो तो आओ लड़ाई आरपार की करें । दोनों देश गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा के खिलाफ लड़े। देखते हैं कौन इन सबसे जीतता है।नवजात शिशुओं, प्रसूताओं की जान बचाने के लिये बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये लड़े।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान के हुक्मरान सुन ले हमारे 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नही जाएगा। भारत आपको दुनिया में लग-थलग करने में सफल रहा है। हम आपको पूरे विश्व में अकेला रहने पर मजबूर कर देंगे और वह दिन दूर नही जब पाकिस्तान की अवाम वहां के हुक्मरानों के खिलाफ लड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि, एक देश ऐसा है जो 21वीं सदी एशिया की न बने ऐसा करने पर उतारू है। वह चाहता है कि पूरा एशिया रक्तरंजित हो, आतंकवाद की चपेट में आ जाए उसके लिये वह षणयंत्र कर रहा है।
उन्होंने कहा कि एशिया के अंदर जहां-जहां आतंकवाद की घटनायें हुई हैं वह एक ही देश की ओर इशारा कर रहीहै। केवल भारत की बात नही है, बल्कि पाकिस्तान पूरे विश्व में आतंकवाद को निर्यात करने में लगा है। अफगनिस्तान, बांग्लादेश समेत कहीं भी आतंकवाद की घटना होती है तो कुछ देर बाद ही खबर आती है कि आतंकी उस देश से गया था या उस देश से आकर बसा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। पूरे विश्व को इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। भारत न आतंकवाद के आगे झुका है न झुकेगा।
उन्होंने कहा कि इन दिनों देश में आक्रोश का माहौल है। उरी में हमारे पड़ोसी देश के भेजे गये आतंकियों के हाथों हमारे जवानों को बलिदान होना पड़ा। कान खोलकर सुन ले यह देश कभी भूलने वाला नही है।
पिछले कुछ महीनों में 17 बार पड़ोसी देश ने अलग-अलग गुट में आतंकियों को भेजा कितुं हमारी सेना ने इनके प्रयासों को विफल किया. एलओसी पर ही सेना ने उनको मौत के घाट उतार दिया। 110 से ज्यादा आतिंकयों को सेना ने मौत के घाट उतारा है।
इन घटनाओं से देश को बचाने का काम हमारे जांबाजों ने किया और देश के सामान्य नागरिक को सुरक्षा देने के लिये लड़ते रहे। हमें अपनी सेना पर गर्व है। सेना, अर्धसैनिक बल देश का मनोबल है। हिन्दुस्तान का मनोबल सबसे ऊंचा है। यह हमारी ताकत है और हमारे सैन्य का मनोबल है।
इससे पूर्व अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा किआज से 50 साल पहले दीन दयाल उपाध्याय जी को कोझिकोड की इस पवित्र धरती पर भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष पद का दायित्व दिया गया था। मुझे नही पता कि उस समय के अखबारों में इसकी कोई चर्चा हुई हो। तब के राजनैतिक पंडितों ने उस वक्त सोचा भी न होगा कि सवा सौ करोड़ की आबादी का देश जो विविध भाषाओं, संस्कृतियों से भरा पड़ा है उसमें यह दल राष्ट्रीय पार्टी बनकर भारी बहुमत से सत्ता में आयेगा।
उपाध्याय की जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित विशाल जनसभाकरते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 सितम्बर रविवार को उनकी पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी है। हिन्दुस्तान की राजनीति में तीन महापुरुषों के चिंतन का प्रभाव नजर आता है। पहला, महात्मा गांधी, दूसरे दीन दयाल उपाध्याय और तीसरे राम मनोहर लोहिया। इन तीनों के चिंतन व विचारों की छाप भारतीय राजनीति पर है।
मोदी ने केरल में वाम सरकार के कार्यकाल में जनसंघ व भाजपा कार्यकर्ताओंपर हो रहे घातंक हमलों का भी जिक्र किया।उन्होंने कहा कि भाजपा व संघ के कार्यकर्ताओं ने जो बलिदान दिये हैं, जो यातनायें झेली हैं उसके सामने हम नतमस्तक हैं। केरल के कार्यकर्ताओं को यकीन दिलाना चाहता हूं कि उनका बलिदान बेकार नही जाएगा। उनका बलिदान रंग लायेगा। केरल का भाग्य बदलेगा यह यहां मौजूद अपार भीड़ से साफ दिख रहा। केरल में देश का एक नंबर का राज्य बनने की अपार क्षमता है। हम उसको दिशा देना चाहते हैं। इसके विकास के लिये हम हर संभव सहयोग करने को तैयार हैं। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। मोदी ने कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार मजदूर, किसान, मछुआरा हर वर्ग के कल्याण के लिये समर्पित है। हमने सबके कल्याण व सशक्तिकरण के लिये अनेक योजनायें शुरु की हैं। इन योजनाओं के जरिये हम गरीबजनों के कल्याण में सफल होंगे ये हमारा विश्वास है। केरल के स्मरण मात्र से मन में एक श्रद्धा व पवित्रता का भाव आता है। यह श्रद्धा का भाव इसलिये आता है क्योंकि यहां के मुनियों ने, ऋषियों ने जो संस्कार, संदेश दिये हैं उसके फलस्वरुप ही यह भाव आता है। यही कारण है कि केरल का व्यक्ति जहां भी है उसको लोग आदर के भाव से देखा जाता है। इन दिनों खाड़ी के देशों में जाने का अवसर मिला। राष्ट्र के स्तर पर जो आधिकारिक बाते होती हैं उसके अलावा मैंने आग्रह किया कि इस देश में जो भारते के लोग हैं उनसे मुलाकात चाहूंगा। यह अवसर भी मिला।
हर देश के शीर्ष नेताओं ने इस बात की प्रशंसा की कि भारत के जो लोग हैं वह हमारे लिये महत्वपूर्ण हैं।उपाध्याय के जन्मदिवस पर हम उनका जन्मशताब्दी समारोह मनाने जा रहे जो साल भर चलेगा। हमारी कोशिश है कि भारत एक ऐसा देश बने जो गरीबी से मुक्त हो , समृद्ध हो, भेदभाव से मुक्त हो, अन्यायमुक्त हो, न्याययुक्त हो। गंदगी से मुक्त हो, स्वच्छता से युक्त हो। भ्रष्टाचार से मुक्त हो, पारदर्शिता से युक्त हो। महिला उत्पीड़न से मुक्त हो, नारी सम्मान से युक्त हो।दीन दयाल के इस मंत्र के साथ हम आगे बढ़े यही कामना है।