भारत-मिस्र में रक्षा, सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति बनी
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नई दिल्ली, 02 सितम्बर। आतंकवाद और कट्टरता का सामना करने के लिए भारत और मिस्र रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद शुक्रवार को यहां साझा बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'दोनों देशों के बीच भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से हमारे बीच क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर व्यापाक चर्चा हुई '। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद और कट्टरवाद को पूरी दुनिया के लिए खतरा बताते हुए इसकी चुनौतियों से लड़ने के लिए मिस्र से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज भारत या मिस्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरा बन गई है।
उन्होंने कहा, ' हमने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने पर सहमति जताई है जिसका उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक जानकारी साझा करने के साथ ही रक्षा व्यापार, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना, काला धन, साइबर सुरक्षा की उभरती चुनौतियों का सामना करने पर सहयोग बढ़ाना, नशीले पदार्थों की तस्करी रोकना शामिल है। उन्होंने कहा कि एशिया और अफ्रीका के बीच मिस्र एक पुल की तरह है। मिस्र के लोग नरमपंथी इस्लाम की आवाज हैं। यह देश क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का एक कारक है।
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों नेताओं ने लोगों से लोगों के संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही दोनों देशों ने समुद्र, कृषि, स्किल डेवलपमेंट, लघु उद्योग और हेल्थ सेक्टर में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ' दोनों देशों के समाज की खुशहाली के लिए व्यापार एवं निवेश संबंधों, माल, सेवाओं और पूंजी का प्रवाह हमारी प्राथमिकता है'। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के मौजूदा कार्यकाल में मिस्र के कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा, 'हमने सहमति जताई कि आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए यूएनएससी में सुधार की जरूरत है'।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी तीन दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचे हैं। उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की। प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मोदी ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद अब्देल फतह ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद थे।
Updated : 2 Sep 2016 12:00 AM GMT
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