अतिरिक्त शुल्क न देना छात्रों को पड़ा महंगा, परीक्षा से हुए वंचित

ग्वालियर। शहर में संचालित निजी महाविद्यालयों की मनमानी के कारण आए दिन छात्र परेशान हो रहे हैं, लेकिन जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा इन महाविद्यालयों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इसी के चलते कुछ छात्र-छात्राएं परीक्षा से वंचित रह गए। इसको लेकर पीडि़त छात्र-छात्राएं सोमवार को जीवाजी विश्वविद्यालय पहुंचे तो उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी।
बिहार के छात्रों ने बताया कि उन्होंने शिवशंकर महाविद्यालय में बीएड कोर्स में सत्र 2015 में प्रवेश लिया था। प्रवेश के दौरान महाविद्यायल प्रबंधन ने उनसे 25 हजार रुपए देने का बात कही थी, लेकिन उसके बाद भी छात्र-छात्राओं से प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूलकर परीक्षा में बिठाला गया। इसके बाद द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के लिए भी महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा उनसे अतिरिक्त बीस-बीस हजार रुपए मांगे गए।
इन छात्र-छात्राओं को बिहार से परीक्षा देने के लिए बुला लिया, लेकिन अतिरिक्त शुल्क नहीं देने के कारण उनके परीक्षा फार्म नहीं भरे गए, जिससे वे परीक्षा से वंचित रह गए और उनका पहला पेपर छूट गया, जबकि दूसरा पेपर बुधवार को है, जिसके चलते छात्र-छात्राएं जीवाजी विश्वविद्यालय पहुंचे, लेकन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भी इन छात्रों की नहीं सुनी। शिकायत करने वाले छात्रों में निशा कुमारी, स्वाति कुमारी, अरविन्द कुमार, उमा भारती, जितेन्द्र कुमार, गौतम कुमार, निरंजन यादव, वीरेन्द्र कुमार सिंह, पवन कुमार, सुमित कुमार, निरंजन, ऋषभ अरजरिया, मनोज कुमार आदि शामिल थे।
इनका कहना है
''इन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बहुत कम हैं, इसलिए इनके परीक्षा फार्म नहीं भरे गए हैं।''
लाखन सिंह जादौन
संचालक, शिवशंकर महाविद्यालय
