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रियो ओलम्पिक: सिंधु ने जीता पहला रजत

रियो ओलम्पिक: सिंधु ने जीता पहला रजत
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रियो ओलम्पिक: सिंधु ने जीता पहला रजत


रियो डी जनेरियो| भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने यहां 31वें ओलम्पिक खेलों मे रजत पदक जीतकर देश को दूसरा पदक दिलाया। उन्हें शुक्रवार को महिला एकल वर्ग के फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन ने मात देकर स्वर्ण पदक हासिल किया। सिंधु को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

रियोसेंटर पवेलियन-4 में खेले गए मुकाबले में विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त महिला खिलाड़ी मारिन ने सिंधु को 19-21, 21-12, 21-15 से मात देकर स्वर्ण पदक हासिल किया।

सिंधु का यह पहला ओलम्पिक था और उन्होंने अपने पहले ओलम्पिक में इतिहास रच दिया। वह फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। साथ ही बैडमिंटन में भारत को रजत पदक दिलाने वाली भी पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले लंदन ओलम्पिक 2012 में पांचवीं वरीयता प्राप्त सायना नेहवाल ने देश को बैडमिंटन में पहला पदक दिलाया था। उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया था।

सोने की उम्मीद लेकर मैदान पर उतरी सिंधु ने स्पेनिश खिलाड़ी को अच्छी टक्कर दी। मारिन ने पहले गेम की अच्छी शुरुआत की और 4-2 से बढ़त ले ली। सिंधु गेम की शुरुआत में मारिन के खेल को समझ नहीं पाईं और इसी का फायदा उठाते हुए मारिन ने 11-16 से बढ़त ले ली।

ब्रेक के बाद सिंधु ने तीन अंक हासिल किए और स्कोर 9-13 कर दिया। वह अभी भी स्पेनिश खिलाड़ी से पीछे थीं। 10वीं वरीयता प्राप्त सिंधु ने यहां से जबरदस्त खेल दिखाया और अंक हासिल करती रहीं। एक समय वह 16-17 से पीछे थीं। यहां उनके पास बराबरी करने का मौका आया, लेकिन सिंधु ने इसे गंवा दिया। मारिन 18-16 से आगे हो गईं।

भारतीय खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और तीन अंक लेते हुए स्कोर 19-19 से बराबर कर लिया। गेम जीतने के करीब सिंधु ने कोई मौका नहीं गंवाया और लगातार दो अंक हासिल करते हुए 21-19 से पहला गेम जीता। यह गेम 27 मिनट तक चला।

आखिरी के दो गेम स्पेनिश खिलाड़ी के विश्वस्तरीय खेल का बेहतरीन नमूना थे। दूसरे गेम में मारिन ने एकतरफा जीत हासिल की। मारिन ने लगातार चार अंक हासिल किए और 4-0 से आगे हो गईं। सिंधु ने एक अंक हासिल कर वापसी की कोशिश की, लेकिन मारिन ने तब तक स्कोर 11-2 कर दिया।

इस गेम में सिंधु के पास मारिन के लाजबाव शॉट्स का उत्तर नहीं था और वह उनके सामने कहीं टिक नहीं पा रहीं थीं।

हालांकि, सिंधु ने हार नहीं मानी और कुछ अंक हासिल किए, लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी। मारिन ने 15-7 से बढ़त ले ली जिसे कायम रखते हुए उन्होंने 21-12 से गेम अपने नाम किया और मुकाबला तीसरे गेम में ले गईं। यह गेम 22 मिनट तक चला।

तीसरे और निर्णायक गेम में दोनों खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया। मारिन एक बार फिर सिंधु पर हावी हो गईं और देखते देखते 6-1 से बढ़त ले ली, जिसे उन्होंने कुछ देर में ही 9-4 कर दिया।

लग रहा था कि यह गेम भी दूसरे गेम की तरह एकतरफा साबित होगा, लेकिन तभी सिंधु ने लगातार चार अंक हासिल करते हुए स्कोर 9-8 किया और फिर 10-10 से बराबरी कर ली।

यहां से स्पेनिश खिलाड़ी ने अपने आक्रामक खेल को और धार दी और सिंधु को पेरशान किया। सिंधु के पास मारिन की चालाकी और तेजी का कोई जवाब नहीं था। देखते-देखते वह 15-11 से आगे हो गईं।

सिंधु ने अंकों के अंतर को पाटने और आगे निकलने का भरसक प्रयास किया लेकिन अंतत: वह 31 मिनट तक चले इस गेम में 21-15 से हार बैठीं और स्वर्ण जीतने का मौका उनके हाथ से फिसल गया।

मैच के बाद सिंधु ने कहा, “मुझे गर्व है कि मैं ओलम्पिक में रजत पदक जीत सकी। हां, स्वर्ण इससे काफी बेहतर होता, लेकिन मैं अच्छा खेली।”

उन्होंने कहा, “शुरुआत में मैंने नहीं सोचा था कि मैं पदक जीत पाऊंगी, लेकिन जब मैं पदक की दौड़ में आई तो मेरा लक्ष्य अच्छा खेलना था, जोकि मैंने किया। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेला।”

विश्व की 10वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी ने कहा, “मेरी प्रतिद्वंद्वी ने भी शानदार खेल खेला। मैंने उन सभी रणनीतियों को अपनाया जिनके बारे में हमने चर्चा की थी। मैं रजत पदक जीत कर काफी खुश हूं।”

Updated : 20 Aug 2016 12:00 AM GMT
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