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भारत के सामने पाक की कोई हस्ती नहीं

भारत के सामने पाक की कोई हस्ती नहीं

भारत के हाथों कई बार मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। वह आतंकियों को भारत में भेज रहा है और भारत शासित कश्मीर पर अपना हक जता रहा है। उसे याद रखना चाहिए कि वर्तमान में भारत एक मजबूत राष्ट्र है साथ ही इस महान राष्ट्र की कमान भी प्रबल देशभक्त के हाथ में है। ऐसे में यदि युद्ध हुआ तो पाक को भारी नुकसान हो सकता है। ऐतिहासिक सच्चाई है कि आजादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर को हड़पने के लिए कबाइलियों का हमला करवाया। श्रीनगर तक हमला पहुंच गया था।

भारतीय सेना ने हमलावरों को खदेडऩा प्रारंभ किया। दुर्भाग्य यह रहा कि तत्कालीन कांग्रेस की नेहरू सरकार ने सेना के बढ़ते कदम रोक दिए। इसका राष्ट्रघाती परिणाम यह रहा कि कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया। कांग्रेस का पांच दशक से अधिक केंद्र शासन पर कब्जा रहा। कांग्रेस के राजनेता, यहां तक कि प्रधानमंत्री भी बिना पाकिस्तान का नाम लिए आतंकवाद का विरोध करते हुए पाकिस्तान से सुलह समझौते की बात करते रहे। दोनों देशों के बीच ताशकंद से लेकर शिमला, आगरा एवं लाहौर में शांतिवार्ता हुई। लेकिन पाकिस्तान ने किसी करार पर अमल करने की बजाए न केवल आतंकवादियों से भारत में घुसपैठ कर हिंसा का तांडव कराया वरन् 1965, 1971 एवं कारगिल में सीधा हमला किया। इससे जाहिर हो गया कि पाकिस्तान चाहे वहां सैनिक शासन हो या लोकतंत्र का मुखौटा लगाकर नवाज शरीफ की सरकार हो, वे भारत से दुश्मनी का व्यवहार करते रहे। पाक कब्जे के कश्मीर में पाक की एजेंसी चालीस से अधिक हिंसक आतंकवादी तैयार करने के कैम्प चलाते है। ये आतंकवादी भारत में घुसपैठ कर कश्मीर एवं भारत के अन्य नगरों में हिंसा कर निर्दोषों की हत्या करते है। हजारों लोगों का खून बह चुका है। आतंकियों द्वारा मारे गए लोगों की लाशों का हिसाब लगाएं तो यह संख्या किसी युद्ध से कई गुना अधिक है। पाकिस्तान में आतंकियों के माध्यम से लगातार हमला करा रहा है। अब कश्मीर में हिंसा करने एवं आतंकी बुरहान वानी के मरने पर काला दिवस मनाने के पीछे सियासी मतलब यह है कि पाक कब्जे वाले कश्मीर में चुनावी नाटक पाकिस्तान कर रहा है।

गृहमंत्री राजनाथसिंह ने संसद में स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को तैयार कर भारत में अराजकता पैदा कर रहा है। अब सवाल यह है कि सरकार की कड़ी चेतावनी के बाद भी यदि पाकिस्तान की ओर से आतंकी हमले जारी रहे, निर्दोष नागरिकों की लाशों के ढेर लगते रहे। कश्मीर में अराजकता की स्थिति पैदा करे और हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगना भारत विरोधी जुनून पैदा करते रहे तो क्या हम केवल पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते रहेंगे। अब आक्रामक कार्रवाई करने की स्थिति पैदा हो गई है। आतंकी अड्डों को नष्ट करने की कार्रवाई करे बिना पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है। पाकिस्तान भारत की संयमित कार्रवाई को उसकी कमजोरी समझ रहा है। उसे नहीं भूलना चाहिए कि भारत के हाथों हुए तीन युद्धों में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है। उसे यह भी याद रखना चाहिए भारत जैसे विशाल देश के सामने पाकिस्तान की कोई हस्ती नहीं है। हमारे सैनिक जब अपनी पर उतरेंगे तो कश्मीर क्या लाहौर और कराची तक पर भारत का तिरंगा लहराएगा।

Updated : 28 July 2016 12:00 AM GMT
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