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भाजपा एमएलसी टुन्ना पाण्डेय छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार

भाजपा एमएलसी टुन्ना पाण्डेय छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार
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भाजपा एमएलसी टुन्ना पाण्डेय छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार

पटना। बिहार के सीवान से भाजपा के विधानपरिषद (एमएलसी) सदस्य आदित्य कुमार उर्फ टुन्ना जी पाण्डेय को हाजीपुर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने रविवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। पाण्डेय की गिरफ़्तारी उस समय हुई जब वे अप पूर्वांचल एक्सप्रेस की एसी टू बोगी ए-1 में सफर कर रहे थे। एमएलसी टुन्ना पाण्डेय के बर्थ के ठीक बगल वाले बर्थ पर अपने पिता के साथ सफ़र कर रही 12 वर्षीया एक लड़की ने एमएलसी पर छेड़खानी का आरोप लगाया। इस मामले में एमएलसी पर एफआईआर दर्ज किया गया है। उधर भाजपा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।

घटना हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के सराय स्टेशन के पास की है। घटना की जानकारी मिलते ही ट्रेन में एस्कॉर्ट कर रही जीआरपी ने हाजीपुर जीआरपी थानाध्यक्ष संजय सिंह को सूचना दी। ट्रेन के हाजीपुर में रुकते ही एमएलसी को बोगी से उतारकर जीआरपी थाने में लाया गया। हालांकि एमएलसी ने छेड़खानी से इनकार किया है। घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर के रहने वाले व थाईलैंड में व्यवसाय करने वाले विजय प्रकाश पांडेय अपनी 12 वर्षीय बेटी और परिवार के दो अन्य सदस्यों के साथ अप पूर्वांचल एक्सप्रेस की एसी टू बोगी ए-1 में सफ़र कर रहे थे। वे हावड़ा से गोरखपुर जा रहे थे। उसी बोगी में एमएलसी टुन्ना जी पाण्डेय दुर्गापुर में सवार हुए और अपने बर्थ नंबर 43 पर सो गए।

ट्रेन के हाजीपुर आने के पहले सराय स्टेशन के पास टुन्ना जी पाण्डेय ने बर्थ नंबर 46 पर सो रही 12 वर्षीया लड़की के साथ छेड़खानी की। लड़की का कहना है कि वह सो रही थी। वह अचानक हड़बड़ा कर उठी और चिल्लाई। उसने पिता को घटना के बारे में बताया। लड़की के पिता ने तुरंत ट्रेन की एस्कॉर्ट पार्टी को पूरे मामले की जानकारी दी।

इधर हाजीपुर जीआरपी थाने में हिरासत में लिए गए गए एमएलसी टुन्ना जी पांडेय का कहना है कि वे मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जर लगा रहे थे और उन्होंने लाइट भी जलाई थी। बर्थ पर रखे बैग को हटाने में वह लड़की जग गई और चिल्लाने लगी।
गौरतलब है कि एमएलसी टुन्ना जी पाण्डेय यूपी के बड़े शराब माफिया भी है। बिहार में भी उनका शराब का बड़ा कारोबार था लेकिन बिहार में शराबबंदी से कारोबार ठप हो गया । वे पहली बार सारण के डीआईजी आलोक कुमार पर पांच करोड़ घूस के रुपए मांगने का आरोप लगा चर्चा में आये थे। तब राज्य सरकार ने डीआईजी को बर्खास्त कर दिया था ।

Updated : 24 July 2016 12:00 AM GMT
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