भाजपा का सही निर्णय
भाजपा का सही निर्णय
भाजपा ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पार्टी से बाहर कर यह साबित कर दिया है कि पार्टी में अनुशासनहीन और अभद्र तथा बेतुके बयान या आचरण करने वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। उल्लेखनीय है कि पार्टी से निकाले गए दयाशंकर सिंह ने बुधवार को मऊ में पत्रकारों से चर्चा के दौरान बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद राज्यसभा में पूरे समय हंगामा होता रहा।
हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे लेकर खेद जताते हुए कहा कि यह काफी निंदनीय है कि एक राजनीतिक नेता एक प्रमुख महिला के खिलाफ इस तरह के शब्दों का प्रयोग या अभद्रता करे। उन्होंने यह भी कहा कि इसके साथ ही मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि सम्बन्धित प्लेटफार्म पर यह मामला गंभीरता से उठाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं स्वयं सुश्री मायावती से व्यक्तिगत रूप से खेद जताता हूं और गरिमा को बनाए रखने के लिए हम सभी उनके साथ हैं। उधर इस मामले को लेकर गुस्साई बसपा ने दयाशंकर के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही मामले को तूल देते हुए भाजपा नेता (अब पार्टी से निष्कासित) की टिप्पणी को बड़ा मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है। जबकि भाजपा अपनी स्पष्ट, पारदर्शी और निष्पक्ष छवि के अनुसार कार्रवाई करते हुए दयाशंकर सिंह को पहले ही सजा दे चुकी है।
भाजपा ने अपने इस निर्णय के साथ यह बता दिया है कि पार्टी में अनुशासनहीन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। वहीं इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि पार्टी अन्य पार्टियों की तरह किसी भी असभ्य या अनुशासनहीन व्यक्ति को सहन नहीं करेगी। यह उन लोगों के लिए भी करारा जवाब है जो कि भाजपा पर उसकी कथनी और करनी में अंतर बताते हैं। जबकि ऐसा दोषारोपण करने वाली अन्य पार्टियों के ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे जबकि उनके नेताओं ने किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति पर ऐसी ही अभद्र टिप्पणी की हो या बेबुनियाद आरोप लगाए हों। यदि देखा जाए तो भाजपा ने अपने नेता के खिलाफ जो कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है ऐसे उदाहरण विरले ही मिलते हैं। इससे अन्य लोगों को भी निश्चित रूप से यह सबक अवश्य ही मिलेगा कि यदि वह कोई भी बात सार्वजनिक मंच या स्थान पर कह रहे हैं तो शब्दों का तोलमोल का इस्तेमाल करें। वहीं अन्य पार्टियों को भी इससे सीख लेने की जरूरत है कि भले ही राजनीति में अलग-अलग पार्टियों में होने के कारण हमारे विचार अलग-अलग हों लेकिन हमें एक-दूसरे का आदर और सम्मान करना चाहिए तथा किसी भी नेता या व्यक्ति के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे कि उसके सम्मान और चरित्र पर कोई लांछन लगे। फिलहाल तो भाजपा ने इस मामले में यह बता दिया है कि महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उनके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है।