बदसूरत चौराहे, कैसे बने स्मार्ट सिटी

बदसूरत चौराहे, कैसे बने स्मार्ट सिटी

अतिक्रमण हटाने के बाद नहीं दिया ध्यान, फिर हुए कब्जे

ग्वालियर,। बदसूरत चौराहे, विज्ञापनों व पोस्टरों से रंगी-पुती दीवारें,बाजारों में अतिक्रमण, वहीं उन स्थानों पर फिर से कब्जे दिखाई देने लगे हैं जहां से कि अतिक्रमण हटाए गए थे लेकिन प्रशासन और नगर निगम इससे अंजान बने आंख मूंदकर बैठे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शहर में आए केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने कहा था कि जिस शहर की दीवारें गंदी हों वह शहर कैसे स्मार्ट सिटी में शामिल हो सकता है। हालांकि ये बात उन्होंने कतई गंभीर होकर नहीं कही थी ,लेकिन इस बात की गंभीरता को जिला प्रशासन और नगर-निगम अब तक नहीं समझ सका है। यहीं कारण है कि शहर अब तक स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल नहीं हो सका है। अधिकारी सिर्फ आंकड़ों से भरी फाइलों में ही शहर को स्मार्ट बना रहे हैं। किसी भी शहर की सुंदरता मुख्य रूप से उसके चौराहों से ही दिखाई देती है ,लेकिन शहर और मुख्य चौराहों की क्या हालत है ये बात अधिकारियों की समझ से परे है।

सालों बाद भी माधव पुस्तकालय खंडहर
राम मंदिर चौराहे पर माधव बाल पुस्तकालय को एक निजी ट्रस्ट ने बच्चों के लिए शुरू किया था। बड़ी संख्या में बच्चे और युवा यहां आते थे। निगम ने इस इमारत को अवैध मानते हुए तोड़ दिया था। आज भी यह उसी हालत में पड़ा हुआ है। स्थिति यह है कि लोगों ने इसे कचराघर बना लिया है। रात को यहां रोजाना कचरा जलाया जाता है। राम मंदिर चौराहे की सुंदरता पर यह खंडहर हो चुकी इमारत दाग जैसी दिखाई देती है,लेकिन जिम्मेदार अधिकारी यहां से निकलते हैं और सबकुछ,देखते हुए चले जाते हैं।

राम मंदिर के पास फिर हुआ कब्जा
राम मंदिर चौराहे से नगर-निगम ने सड़क चौड़ीकरण और अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई की थी ,इसमें मंदिर भी तोड़ा गया था लेकिन आज अतिक्रमण जस की तस है ,फूलवाले और अन्य छोटे दुकानदारों ने अब तक अपना कब्जा यहां से हटाया नहीं है। दिनभर यहां लोडिग वाहन खड़े रहते हैं। इस कारण से मंदिर में दर्शन करने आए भक्तों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लोडिंग स्टेण्ड बना
इसी तरह मंदिर के सामने हनुमानजी का सालों पुराना मंदिर है। यहां पर निगम ने अवैध दुकानों को हटाकर प्लॉट बना दिया था लेकिन यहां पर लोडिग वाहनों का स्टेंड बन गया है। वहीं जमीन पर फूल वाले और एक अन्य व्यवसायी ने फिर से कब्जा करना शुरू कर दिया है।

यात्री वाहन स्टॉप बना अवैध ठेला जोन
छप्पर वाला पुल पर निगम कई बार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर चुका है,लेकिन अतिक्रमण दूसरे दिन फिर से हो जाता है। लगभग तीन साल पहले निगम ने अवैध मीट-चिकन संचालकों को हटाकर यात्री वाहन स्टॉप का निर्माण किया था,पर आज हालात ऐसे हैं कि शाम से रात तक मांस-मच्छी के ठेले यहां लगे रहते हैं। निगम और प्रशासन के अधिकारी दिन में कई बार यहां से निकलते हैं लेकिन फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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