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क्यों बौखलाया ओवैसी

क्यों बौखलाया ओवैसी

हैदराबाद में गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन के आतंकियों को कानूनी मदद देने की बात कहने वाले ऑल इंडिया मुज्लिस ए इतेहदुल मुसिलमीन संगठन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सुर एक दिन बाद ही अचानक बदल गए। एक दिन बाद शनिवार को ओवैसी ने आईएस के आतंकियों को ‘जहन्नुम के कुत्ते’ तक कह डाला। सुर्खियों में रहने के लिए ऊट पटांग बयान देने वाले ओवैसी का हृदय परिवर्तन रातभर में अचानक कैसे हो गया। हिन्दुस्तान की बर्बादी का सपना देखकर भारत में आतंकी घटनाएं करने पहुंचे आईएस के आतंकियों को कानूनी सहायता की बात करने वाले ओवैसी को अगले ही दिन आईएस के आतंकी इस्लाम के दुश्मन दिखाई देने लगे। हिन्दुस्तान सहित दुनियाभर में आईएस के हमलों और साजिशों पर खुश होने वाले ओवैसी अचानक ही आईएस से नफरत करने लगा। यह हृदय परिवर्तन तब हुआ जब मदीना में पैगम्बर मोहम्मद की मस्जिद में आईएस के आतंकियों द्वारा किए गए धमाके की गूंज ओवैसी के कानों में पड़ी। इस धमाके की आवाज सुनकर ओवैसी को ढाका में आतंकी हमले में मारे गए गैर मुस्लिमों पर भी तरस आ गया। याद होगा कि यह हिन्दुस्तान के मुसलमानों को भडक़ाने वाला वही ओवैसी है जिसने सेना हटाने पर हिन्दुओं के कत्लेआम किए जाने जैसा बयान दिया था। शनिवार को ओवैसी अचानक बोल उठा कि हमला करने वाले आतंकी इस्लाम को तबाह करना चाहते हैं। इन जहन्नुमी कुत्तों ने मदीना में पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद को भी नहीं बख्शा। हिन्दुस्तान के मुसलमानों को भडक़ाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाला ओवैसी मदीना में हुए हमले पर भी मौन रहता अगर पूरे विश्व के मुसलमानों ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी होती। निश्चित ही ओवैसी को लगा होगा कि आईएस आतंकियों को सहयोग का बयान देकर कहीं वह उन मुसलमानों की नजरों में न गिर जाएं, जो आई एस के इन आतंकी हमलों की निंदा कर रहे हैं। हिन्दुस्तानी मुस्लिमों को आईएस से बचने तथा उसका सहयोग नहीं करने की अपील भी पहली बार उन्हें करनी पड़ी। दुनिया में आईएस के हमलों से खुश होने वाले ओवैसी को आईएस के कुकृत्यों से इस्लाम की जड़ें कमजोर होती दिखने लगीं। ओवैसी को अब यह समझ लेना होगा कि हिन्दुस्तान का मुसलमान भी अब शिक्षत हो रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडक़र मुसलमानों का वोट कबाडऩे वाले ओवैसी बंधुओं की बातों का भरोसा अब हिन्दुस्तान का मुस्लिम नहीं करना चाहता। हिन्दुस्तान का मुस्लिम अब पढ़-लिखकर राष्ट्र की मुख्यधारा से जुडऩा चाहता है जबकि ओवैसी जैसे नेता उन्हें अनपढ़ और अज्ञानी बनाकर सांप्रदायिकता की आग में झोंककर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं। ओवैसी जैसे नेताओं की दुकानें बंद होने का समय आ गया है। इस कारण अब ओवैसी बंधु भी खुद को बदला हुआ दिखाने का ढोंग जरूर करेंगे। हिन्दुस्तान के मुस्लिम और हिन्दुओं को ओवैसी जैसे नेताओं की फरेबी चालों से बचना ही होगा। इससे समग्र समाज का विकास होगा और विश्व शिखर की ओर बढ़ते हिन्दुस्तान को अधिक ऊर्जा मिलेगी।

Updated : 11 July 2016 12:00 AM GMT
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