बिना पात्रता के एसी का आनंद ले रहे कार्यपालन यंत्री

बिना पात्रता के एसी का आनंद ले रहे कार्यपालन यंत्री
X

आईटी सेल के बहाने पांच साल से लगा है ऐसी

हर साल जलती है करीब एक लाख की बिजली


ग्वालियर। भीषण गर्मी इन दिनों चरम पर है। ऐसे समय में भी म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के किसी भी कार्यपालन यंत्री के कक्ष में वातानुकूलित यंत्र (एसी) नहीं है क्योंकि उन्हें इसकी पात्रता नहीं है। इनके कक्षों में केवल पंखा और कूलर ही लगे हुए हैं, लेकिन एक कार्यपालन यंत्री ऐसे भी हैं, जिनके कक्ष में पिछले करीब पांच साल से एसी लगा हुआ है, और उनका ऐसी हटवाना तो दूर, किसी ने उनको टोका तक नहीं है।
जानकारी के अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने केवल मैदानी अधीक्षण यंत्री और उससे उच्च अधिकारियों को ही अपने कक्ष में एसी लगाने की पात्रता दी है, लेकिन रोशनीघर स्थित आईटी सेल में कार्यरत कार्यपालन यंत्री के.के. श्रीवास्तव के कक्ष में पिछले पांच साल से एसी लगा हुआ है। बताया गया है कि कंट्रोल पैनल को ठंडा बनाए रखने के लिए करीब पांच साल पूर्व आईटी कक्ष में दो एसी लगाए गए थे। उसी समय आईटी सेल में पदस्थ रहे कार्यपालन यंत्री सतीश गुप्ता ने आईटी के बहाने अपने कक्ष में भी तीसरा एसी लगवा लिया था, तब से यह ऐसी निरंतर लगा हुआ है। वर्तमान में यहां पदस्थ कार्यपालन यंत्री के.के. श्रीवास्तव भी बिना पात्रता के एसी का आनंद ले रहे हैं।

वेतन से होना चाहिए वसूली
बिजली कम्पनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आईटी सेल के कार्यपालन यंत्री के कक्ष में कम्प्यूटर, मॉनीटर व प्रिंटर के अलावा कंट्रोल पैनल से संबंधित कोई भी उपकरण नहीं है। बावजूद वे एसी का उपयोग कर रहे हैं, जिस पर हर साल लगभग एक लाख रुपए कीमत की बिजली खर्च हो रही है, जिसका भुगतान पिछले पांच साल से बिजली कम्पनी करती आ रही है, जबकि नियमानुसार इसके लिए वर्तमान में पदस्थ कार्यपालन यंत्री के.के. श्रीवास्तव एवं तत्कालीन कार्यपालन यंत्री सतीश गुप्ता के वेतन से वसूली की जाना चाहिए।

मुझे एसी की पात्रता है
आईटी सेल के कार्यपालन यंत्री के.के. श्रीवास्तव का कहना है कि उनका पद कार्यपालन यंत्री का जरूर है, लेकिन उनके पास प्रभार अधीक्षण यंत्री का है, इसलिए उन्हें अपने कक्ष में एसी लगाने की पात्रता है, जबकि बिजली कम्पनी के सूत्रों की मानें तो अपने कक्ष में एसी के उपयोग की पात्रता केवल मैदानी अधीक्षण यंत्रियों को ही है। मुख्य अभियंता कार्यालय में भी जो अधीक्षण यंत्री कार्यरत हैं, उनको भी अपने कक्ष में एसी लगाने की पात्रता नहीं है।

इनका कहना है

आपको किसी ने गलत जानकारी दी है। के.के. श्रीवास्तव के कक्ष में एसी नियमानुसार ही लगा है। वह आईटी सेल में कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें अपने कक्ष में एसी लगाने की पात्रता है।

एस.के. उपाध्याय
मुख्य अभियंता, ग्वालियर क्षेत्र
म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी

Next Story