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भीषण गर्मी से जन -जीवन अस्त-व्यस्त

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प्यास से मरने लगे पक्षी आज आंधी के साथ हो सकती है बारिश

ग्वालियर। नौतपा के बाद प्रदेश के साथ ही शहर में पड़ रही गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थिति यह है कि मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी इससे परेशान हैं। सुबह से ही पडऩे वाली चिलचिलाती धूप और झुलसाने वाली गर्मी से लोग बेहाल हैं। दोपहर होते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है।

सोमवार की बात करें तो सुबह करीब छह बजे तक पूरा आसमान घने बादलों से अटा पड़ा था, लेकिन थोड़ी देर में ही आसमान साफ हो गया। इसके बाद दिन चढऩे के साथ गर्मी का असर बढ़ता गया। इसके साथ ही राजस्थान से आईं गर्म हवाओं के चलते पूर्वान्ह 11 बजे से देर शाम तक तीव्र लू की स्थिति बनी रही। इसके चलते दोपहर में बाजार, पार्क और आउटर के सड़क मार्ग सूने पड़े रहे। दोपहर में बस स्टैण्ड पर यात्री और छोटे-छोटे बच्चे गर्मी से परेशान दिखे। मौसम विभाग की मानें तो अब आने वाले दिनों में तापमान और गर्मी में कमी आएगी।

आज हो सकती है हल्की बारिश
भोपाल के मौसम विज्ञानी उमाशंकर चौकसे ने बताया कि तापमान में अब धीरे-धीरे कमी आएगी। हालांकि मंगलवार को भी दिन में ग्वालियर और चम्बल संभाग में तीव्र लू चलने की संभावना है, लेकिन शाम को आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश भी हो सकती है। श्री चौकसे ने बताया कि राजस्थान से लगे पश्चिमी मध्यप्रदेश में एक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके साथ ही पंजाब से गुना व ग्वालियर होते हुए आंध्रप्रदेश तक एक ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। इसके असर से मंगलवार शाम को हल्की बारिश होने की संभावना है।

सामान्य स्तर पर आया रात का पारा
पिछले कुछ दिनों से सामान्य से ऊपर चल रहा रात का पारा अब सामान्य स्तर पर आ गया है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार सोमवार को रात का पारा 28.0 डिग्री पर रहा, जो औसत से महज 0.1 डिग्री कम है, जबकि दिन का पारा 44.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो औसत से 2.4 डिग्री अधिक है। इसी प्रकार सुबह हवा में नमी 58 फीसदी दर्ज की गई, जो सामान्य से 17 फीसदी अधिक है, जबकि शाम को हवा में नमी घटकर 27 फीसदी रह गई, जो सामान्य है।

पानी नहीं मिलने से मर रहे पक्षी

वन विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि भीषण गर्मी में प्यास से वन्यजीवों की असमय मौत न हो। इसके लिए विभाग ने अपने स्तर पर जहां जंगलों में पानी की पर्याप्त व्यवस्था की है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में सामाजिक संस्थाओं व आमजनों की मदद से पानी की व्यवस्था कराई है। इधर शहर में सामाजिक संस्थाओं द्वारा पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हेतु आए दिन सीमेंट की टंकी व मिट्टी के सकोरे बांटने की खबरे सुनने को मिल रही हैं, लेकिन यह सब दिखावा नजर आ रहा है क्योंकि शहर से लेकर गांवों तक से पिछले तीन दिनों से भीषण गर्मी और प्यास से पक्षियों के मरने की भी खबरें प्रकाश में आ रही हैं।

Updated : 7 Jun 2016 12:00 AM GMT
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