आज की संपादकीय - जंगल का कानून

जंगल का कानून
गुजरात के गिर नेशनल पार्क के सिंह इन दिनों खबरों में हैं। तीन महीनों में इन सिंहों ने चार लोगों को अपना शिकार बनाया है। सजा के तौर पर इन सिंहों को चिडिय़ा घर में भेजा गया है। वन विभाग इस मामले में जांच कर रहा है कि आदमखोर सिंह कौन से हैं। वन विभाग के पास यह जांचने के लिए एक वैज्ञानिक तरीका है जो यह साबित करेगा कि असली गुनहगार कौन है। जंगल का अपना कानून होता है और इसके साथ छेड़छाड़ के नतीजे घातक ही होते हैं। गुजरात का गिर नेशनल पार्क इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि एशियाई सिंहों की प्रजाति यहीं पर बची है। सवाल ये है कि जंगल के कानून को किसने तोड़ा है।
जंगल के राजा सिंहों के हमले में हुई इंसान की मौत निश्चित तौर पर गंभीर मामला है और यह गंभीर चिंतन का विषय है कि ऐसा क्यों हुआ। पिछले दिनों ग्वालियर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ और तेंदुए द्वारा इंसानों पर हमले की घटनाएं सामने आईं। गिर के जंगलों में एशियाई सिंहों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि वो मानव आबादी में प्रवेश कर रहे हैं। एशियाई सिंहों की प्रजाति को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए भारत सरकार ने एशियाई सिंहों को दूसरा घर उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित पालपुर कूनो अभयारण्य का चयन वन्य प्राणी विशेषज्ञों की सिफारिश पर काफी सोच समझ कर किया था। दुर्भाग्य से सालों बाद भी करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी अमल में नहीं लाई जा सकी। गुजरात सरकार की अनिच्छा और मध्यप्रदेश सरकार में इच्छाशक्ति की कमी से योजना ठंडे बस्ते में चली गई। गिर में सिंहों को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, इसके साथ ही सिंहों की बढ़ती संख्या ने उन्हें मानवीय आबादी में घुसने के लिए बाध्य किया है।
इन वजहों ने सिंहों के व्यवहार में परिवर्तन ला दिया। आम तौर पर सिंह और अन्य हिंसक वन्य प्राणी इंसान का शिकार नहीं करता है। यही कारण है अभयारण्यों और राष्ट्रीय पार्कों में काफी नजदीक से सिंह और बाघ जैसे हिंसक वन्य प्राणियों को देखा जा सकता है। पिछले कुछ सालों में गिर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कमाई के लिए निजी लॉयन शो का चलन बढ़ गया है। इस तरह के शो में छोटे जानवरों को मार कर सिंहों को आकर्षित किया जाता है। मरे जानवरों को खाने की आदत के चलते सिंह खेतों पर सो रहे इंसानों को भी अपना शिकार बनाने लगे हैं। गैरकानूनी इन शो में सिंह को छेडऩे के लिए उन पर पत्थरों से हमला भी किया जाता है। इस इंसानी हरकत ने सिंहों को स्वभाव से गुस्सैल बना दिया और उसने इंसानों को अपना शिकार करना शुरू कर दिया। दूसरे इंसान ने अपनी हद पार कर जंगल में घुसपैठ कर उसके क्षेत्र में घुसने की कोशिश की है। ऐसे ही प्रयास ग्वालियर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे हैं जिसका खामियाजा खुद इंसान को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा। बहरहाल गिर हो या ग्वालियर जिले का घाटीगांव गलती इंसान की है जिसने जंगल में घुसपैठ की।