आज की संपादकीय - आम आदमी की जेब के दायरे में हवाई उड़ान

आम आदमी की जेब के दायरे में हवाई उड़ान
हवाई जहाज का सफर अब तक आम आदमी के लिए एक सपने जैसा था, लेकिन यह सपना केन्द्र सरकार द्वारा नई विमानन नीति को मंजूरी दिए जाने के साथ ही पूरा होता दिखाई दे रहा है। अगले एक माह में लागू होने वाली नई एविएशन पॉलिसी में यात्रियों को दिए जाने वाली सुविधाओं और रियायतों पर अधिक ध्यान दिया गया है। इसका महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इसमें किए गए प्रावधानों से अब कम्पनियों की मनमानी नहीं चल सकेगी। इस तरह मोदी सरकार ने आम आदमी के लिए वह सबकुछ करने का प्रयास किया है जिसे कि वह अब तक सोच ही सकता था। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद यात्रियों को एक घंटे की यात्रा के लिए मात्र 2500 रुपए खर्च करने होंगे, जबकि 30 मिनट के लिए मात्र 1200 रुपए। यह किराया सभी शुल्कों तथा करों समेत होगा। इसके पीछे उद्देश्य यह भी है कि अधिक से अधिक यात्रियों को रेल की जगह विमान यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जिससे हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यदि देखा जाए तो यह भी है कि इसके माध्यम से हवाई यात्रा आम आदमी की जेब के दायरे में आ सके। इससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार किसी भी सुविधा से आमआदमी को वंचित नहीं रखना चाहती। इसके साथ ही नई नीति में जहां घरेलू हवाई टिकट निरस्त कराने पर रिफण्ड मात्र 15 दिन में मिलने का प्रावधान किया गया है, वहीं यदि विमान में ओवर बुकिंग होने पर यात्री को उसमें सवार नहीं होने दिया जाता तो उसकी मुआवजा राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है। जिससे यात्रियों के लिए आॢथक जोखिम कम होने के साथ ही उनका विश्वास भी बढ़ेगा। उधर इस नीति को लेकर नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने विश्वास जताते हुए कहा है कि यह नीति निश्चित रूप से 'पासा पलटने वालीÓसाबित होगी। उन्होंने कहा कि देश का विमानन क्षेत्र 2022 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन क्षेत्र बनने जा रहा है। लेकिन इसे हासिल करने के लिए हमें सही इरादे, दृष्टिकोण,योजना तथा निर्णयों के क्रियान्वयन की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि लगभग 8 माह में इस नीति को तय किया गया है। मंत्रालय ने अक्टूबर 2015 में इसका संशोधित मसौदा जारी किया था। इस मसौदे पर सम्बद्ध पक्षों के साथ बातचीत के कई दौर हुए। राजग सरकार ने पहली बार नवम्बर 2014 में राष्ट्रीय नीति का मसौदा जारी किया था। ध्यान देने योग्य बात है कि देश में घरेलू हवाई यातायात बाजार ने लगातार तेरहवें महीने अप्रैल में विश्व में सबसे तीव्र वृद्धि प्राप्त की। वहीं आलोच्य माह में बाजार में लगभग 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। उधर इस नीति को लेकर यात्रियों और कम्पनियों की बात करें तो निश्चित रूप से कम्पनियों की मनमानी पर लगाम लगेगी और इसका फायदा यात्रियों को होगा। कुल मिलाकर लगातार जनहित की नीतियों को लागू करने वाली मोदी सरकार की नई विमानन नीति के प्रावधान यह साबित करते हैं कि सरकार आम आदमी के हित को लेकर काम कर रही है, यह कहा जा सकता है कि यह उसी ओर बढ़ाया गया एक और कदम है जिसके माध्यम से हवाई उड़ान भी अब आम आदमी की जेब के दायरे में आ जाएगी।