प्रदेश में सामूहिक निर्णय की ओर बढ़ती भाजपा

प्रदेश में सामूहिक निर्णय की ओर बढ़ती भाजपा
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संभागीय संगठन मंत्रियों की भी होगी समीक्षा, शीघ्र ही संगठन स्तर पर और भी बदलाव संभव


अतुल तारे/भोपाल।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश के बाद प्रदेश भाजपा में कोर ग्रुप का नए सिरे से गठन इस बात का संकेत है कि पार्टी मध्यप्रदेश में अब सामूहिक निर्णय की प्रक्रिया को गति देने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जो कि स्वागत योग्य भी है, वांछनीय भी। निश्चित रूप से आज प्रदेश में भाजपा का दूर-दूर तक कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने से पार्टी को सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी बनाने का अथक प्रयास सरकार के जरिए किया है पर कहीं न कहीं संगठन स्तर पर सामूहिकता का भाव विलोपित हो रहा था। जिसके चलते पार्टी के अंदर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। कोर ग्रुप का गठन इस दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा। इसी तरह नवागत संगठन मंत्री सुहास भगत के आने के बाद संभागीय संगठन मंत्रियों की भूमिका की समीक्षा एवं आवश्यक बदलाव भी शीध्र ही देखने को मिलेंगे ऐसी संभावना है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में 2003 से सत्ता में है। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी अपने कार्यकाल के 10 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं। श्री सिंह का कार्यकाल सिर्फ वर्षों की गिनती नहीं है, अपितु वे प्रदेश के आमजन के दिलों पर राज करने वाले सफल संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। एक के बाद एक उप चुनावों में लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के वे प्रमुख कर्णधार भी हैं। यह सही है चेहरे का अपना एक महत्व है पर भाजपा का आधार कार्यकर्ता है, कैडर है। सत्ता की राजनीति में यह कार्यकर्ता इन वर्षों में किनारे पर दिखाई देता है। यही नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता भी कहीं न कहीं स्वयं को अलग-थलग पाते हैं। यह योजना पूर्वक हुआ ऐसा आरोप भी नहीं है, पर इस पर ध्यान देने की आवश्यकता अवश्य है।

भाजपा को 2018 में फिर चुनाव में जाना है इसके लिए आवश्यकता महसूस की जा रही थी कि संगठन स्तर पर सामूहिक निर्णय की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाए एवं वांछित परिवर्तन भी इस दिशा में आवश्यक हो तो वह भी किए जाएं। इसी दिशा में सर्वप्रथम संगठन मंत्री के स्तर पर बदलाव कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुहास भगत की भाजपा में तैनाती की गई। इसी क्रम में हाल ही में अतुल राय जो कि संघ के विभाग प्रचारक के पद पर थे को भाजपा में भेजा गया। श्री राय की भूमिका औपचारिक रूप से प्रदेश कार्य समिति की बैठक के बाद तय होगी, पर यह माना जा रहा है कि प्रारंभिक चरण में सांगठनिक कार्यों में श्री भगत की सहायता करेंगे और इस क्रम में उन्हें एक या दो संभागों का प्रभार दिया जा सकता है। इसी प्रकार वर्तमान में संभागीय स्तर पर 5 संगठन मंत्री कार्य देख रहे हंै। शासकीय दृष्टि से प्रदेश में दस संभाग हैं, जाहिर है पांच संभागों में संभागीय संगठन मंत्री है ही नहीं।

पार्टी संभाग स्तर पर संगठन मंत्रियों की तैनाती पर विचार कर रही है। संभव है इसके लिए पार्टी के भीतर से वरिष्ठ कार्यकर्ता चिन्हित किए जाएं, या फिर यह भी संभव है कि पार्टी इस हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कार्यकर्ता देने हेतु आग्रह करे। सूत्र बताते हैं कि पार्टी निर्णयों के स्तर पर विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की पक्षधर है। गौरतलब है कि विगत इतिहास में पार्टी की संभाग स्तर पर संगठन मंत्रियों के माध्यम से पकड़ मजबूत थी। यह एक ऐसी व्यवस्था थी या यूं कहें कि एक ऐसा 'फिल्टर प्लांटÓ था जहां राजनीतिक अवसरवादिता का कचरा पहले ही साफ हो जाता था। यही कारण था कि पूर्व में भी संघ से भेजे गए वरिष्ठ प्रचारकों ने संगठन स्तर पर अपनी कार्यक्षमता प्रमाणित भी की थी। पार्टी अब नई व्यवस्था में इसका उपयोग करती है तो वह सुखद होगी। इसी तरह वर्तमान संगठन मंत्रियों की भूमिका में भी शीघ्र परिवर्तन दिखाई देगा ऐसी संभावना है। सूत्रों के अनुसार एक या दो संगठन मंत्रियों को मुक्त कर नई जवाबदारी भी दिए जाने पर विचार विमर्श जारी है।

जहां तक पार्टी के कोर ग्रुप का प्रश्न है तो यह व्यवस्था पार्टी में प्रारंभ से है। नए परिवेश में इसे और विस्तार देकर प्रभावी बनाने का प्रयास है। यह आश्चर्यजनक अवश्य है कि पार्टी ने इस टीम में किसी महिला नेत्री को स्थान नहीं दिया है। संभव है इस दिशा में पार्टी भविष्य में विचार करे।

कोर कमेटी : कोर ग्रुप में प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत,, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा, मंत्री जयंत मलैया और राजेन्द्र शुक्ल होंगे। इसके अलावा कमेटी में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत स्थायी आमंत्रित सदस्य बतौर रहेंगे।
ये हुए बाहर: श्रीमति सुमित्रा महाजन (अब लोकसभा अध्यक्ष), श्रीमति माया सिंह, सत्यानारायण जटिया, राकेश सिंह, नीता पटेरिया, कुंवर सिंह वीरेन्द्र खटीक।
संभागीय संगठन मंत्री: शैलेंद्र बरुआ इन्दौर, प्रदीप जोशी ग्वालियर, राकेश डागोर उज्जैन, चंद्रशेखर झा रीवा एवं जितेंद्र लिटोरिया होशंगाबाद संभाग में संगठन मंत्री के रूप काम कर रहे हैं।

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