14 को मनाया जाएगा गंगा दशहरा

गुरु, गंगा और शिव का पूजन होगा फलदायी
ग्वालियर। गंगा दशहरा प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस वर्ष यह मंगलवार 14 जून को मनाया जाएगा। स्कन्द पुराण में वर्णित है कि ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन पवित्र नदियों में स्नान एवं दान करने से महापातकों के बराबर पापों से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य पं सतीश सोनी ने बताया कि इस दिन दशमी तिथि की वृद्धि हो रही है। इस दौरान गुरु,गंगा, शिव, बृह्मा, सूर्य और हिमालय का पूजन विशेष फलदायी होगा। इस दिन दान-पुण्य और गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है।
गंगा स्नान से मिलती है मुक्ति
श्री सोनी ने बताया कि वराह पुराण के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, बुधवार के दिन, हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से धरती पर गंगा का अवतरण हुआ था।
गंगा दशहरा पर इस पवित्र नदी में स्नान करने से 10 प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। 10 पापों में 3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक पाप होते हैं।
बाबा अचलनाथ को लगेगा सत्तू का भोग
मौसम में होने वाले बदलाव को देखते हुए मंदिरों में भगवान को अर्पण किए जाने वाले भोग में भी परिवर्तन किया जा रहा है। इसके चलते गंगा दशहरा 14 जून से अब बाबा अचलनाथ को सत्तू का भी भोग लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक बाबा अचलनाथ को दूध, रबे, खिचड़ी का भोग लगया जाता था, लेकिन अब गंगा दशहरा से सत्तू का भी भोग लगाया जाएगा। मंदिर के पुजारी गोपाल पंडित ने बताया कि सत्तृ ठंडा होता है इसलिए इसे बाबा के भोग में शामिल किया गया है।