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छात्र ने बनाया पानी का जहाज,पूर्व राष्ट्रपति कलाम को मानता है अपना गुरू

छात्र ने बनाया पानी का जहाज,पूर्व राष्ट्रपति कलाम को मानता है अपना गुरू


कहते है कि गुरु बिना ज्ञान नहीं, लेकिन इतिहास गवाह है कि गुरु न मिलने पर भी एकलव्य ने द्रोणाचार्य की मूर्ति बनाकर धनुष विद्या सीख ली थी। ऐसा ही कारनामा कानपुर देहात के एक किसान परिवार के बेटे ने किया है। भारत के वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति को अपना गुरु मानकर उनकी प्रतिमा को दिल में संजोए बीएससी के छात्र ने पानी वाला जहाज बना डाला।


छात्र ने इस जहाज को बनाने के लिए उस चीज का उपयोग किया है, जो बाजार में बड़े सस्ते दाम में मिल जाते हैं। उसके इस कारनामे को देखने के बाद माता-पिता के आंखो से नीर बहने लगा तो ग्रामीण उसे छोटा कलाम बुलाने लगे। बताते चले कि कानपुर देहात के डगराहा गांव में रहने वाले किसान दयाल सिंह खेती किसानी करके अपना व परिवार का पालन-पोषण करते हैं।

किसान ने बताया कि उसकी कम पढ़ाई होने से समाज में कभी आलोचनाएं झेलनी पड़ी। जिसके बाद किसान ने यह ठान लिया कि वह अपने बच्चों को खूब पढ़ायेगा। हालांकि उसने अपने बेटे जीतू को बारहवीं तक पढ़ाया भी। मौसम की मार से उनकी कई बीघे की फसल खराब हो जाने से परिवार टूट गया और बेटे की पढ़ाई में भी काफी दिक्कते आने लगी। इस पर जीतू ने घरों में कोचिंग पढ़ाकर अपनी पढ़ाई जारी रखी और उसने बीएससी द्वितीय वर्ष तक पढ़ाई की।

जीतू का कहना है कि वह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दूल कलाम से ज्यादा प्रभावित हैं। उन्हीं की तरह वह एक वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करना चाहता है। लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने पर उसकी यह उम्मीद टूटती नजर आने लगी। मुसीबते आने पर भी छात्र हिम्मत नहीं हारा और घर में पुरानी चीजों से हैलीकाप्टर, एम्बुलेंस व कई उपकरण बनाने की कोशिश करने लगा। आखिरकार उसे सफलता उस समय मिली जब छात्र ने पानी में जलने वाला जहाज बना लिया। जहाज बनाने के बाद उसने ग्रामीणों के साथ उसे गांव के ही तालाब में चलाया भी और वह खूब तेजी से पानी में चला। यह देखकर जहां किसान परिवार के मुखियां के आंख से आसू छलक गये तो वहीं ग्रामीण व उसे छोटा कलाम बुलाने लगे।

कई उपकरण बनाये

किसान दयाल सिंह का कहना है कि बेटा आये दिन कुछ न कुछ उपकरण बनाने के कोशिश में जुटा रहता था। कुछ दिन पहले उसने पुरानी चीजों से हैलीकाॅप्टर, एम्बुलेंस, व कई उपकरण बनाये और इससे देखकर ग्रामीणों ने उसकी इस काम को काफी सरहना की। पिता का कहना है कि जो चीजे हमलोग खराब समझकर फेंक देते हैं बेटा उसे उठाकर ले आता है और इस्तेमाल करके नये चीजे बनाने की कोशिश करता हैं।

कलाम साहब है मेंरे असली गुरु

छात्र के इस कारनामें को लेकर जब पूंछा गया तो उसके आंखो से भी आंसू आने लगे और कहने लगा कि कलाम साहब मेरे असली गुरु है और मैंने उनकी जीवनी पढ़ी और उनको अपना आदर्श मानकर ही उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश कर रहा हूं।

टेक्निकल की पढ़ाई करना चाहता था छात्र

किसान दयाल सिंह ने बताया कि बेटा जीतू टेक्निकल की पढ़ाई करना चाहता था। लेकिन परिवार की माली हालत ठीक न होने के चलते उसने अपनी पढ़ाई को बीच में रोकना पड़ा। लेकिन बिना टेक्निकल पढ़ाई किए सांइस के क्षेत्र में नए नए अविष्कार कर रहा है। उनका दावा है कि वह पानी वाले जहाज से लेकर टाइम बम तक बना सकता हैं।

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Updated : 4 May 2016 12:00 AM GMT
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